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सीएटल (अमेरिका): अमेरिका के एक जज ने राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की ओर से सात मुस्लिम बहुल देशों के यात्रियों और प्रवासियों पर लगाए गए प्रतिबंध पर अस्थायी तौर पर रोक लगा दी है। जज ने यह रोक वाशिंगटन राज्य और मिनेसोटा की ओर से शासकीय आदेश पर राष्ट्रव्यापी रोक लगाने के लिए की गई अपील के बाद लगाई है। शासकीय आदेश के कारण देशभर में कानूनी लड़ाइयां शुरू हो गई हैं। सीएटल में अमेरिकी जिला जज जेम्स रॉबर्ट ने यह फैसला सुनाया कि राज्यों का रूख ट्रंप के आदेश के प्रति चुनौतीपूर्ण था। ट्रंप के पिछले सप्ताह के आदेश से देशभर में विरोधप्रदर्शन शुरू हो गए थे और कई यात्रियों को रोक लिए जाने के कारण हवाईअड्डों पर संशय की स्थिति पैदा हो गई थी। व्हाइट हाउस ने दलील दी है कि इससे देश सुरक्षित बनेगा। वाशिंगटन ऐसा पहला राज्य है, जिसने ईरान, इराक, सीरिया, सूडान, सोमालिया, लीबिया और यमन से आने वाले लोगों पर अस्थायी तौर पर यात्रा प्रतिबंध लगाने और अमेरिकी शरणार्थी कार्यक्रम को निलंबित करने के आदेश को अदालत में चुनौती दी है। अटॉर्नी जनरल बॉब फग्र्यूसन ने इस सप्ताह कहा कि यात्रा प्रतिबंध निवासियों को नुकसान पहुंचाता है और भेदभाव को बढ़ावा देता है। मिनेसोटा राज्य इस मुकदमे में दो दिन बाद शामिल हो गया था।

फैसला सुनाए जाने के बाद फग्र्यूसन ने कहा कि प्रभावित हुए देशों के लोग अब अमेरिका में प्रवेश के लिए आवेदन कर सकते हैं। आंतरिक सुरक्षा मंत्रालय की प्रवक्ता गिलियन एम क्रिस्टेनसेन ने कहा कि एजेंसी लंबित वादों पर टिप्पणी नहीं करती। न्यूयॉर्क में ट्रंप के यात्रा प्रतिबंध के खिलाफ विरोध प्रदर्शन सात मुस्लिम बहुल देशों से आने वाले शरणार्थियों और वीजा धारकों के अमेरिका में प्रवेश पर प्रतिबंध के डोनाल्ड ट्रंप के शासकीय आदेश के विरोध में सैकड़ों लोगों ने न्यूयॉर्क में लगातार दूसरे दिन भी शाम के समय विरोध प्रदर्शन किया। कल न्यूयॉर्क शहर में हुए प्रदर्शन कर रही भीड़ में युवा, बूढ़े, विभिन्न जातीय समुदाय से आने वाले लोग और मुस्लिम समुदाय के लोगों ने हिस्सा लिया। यह प्रदर्शन मुस्लिम बहुलता वाले क्वीन्स में आयोजित किया गया। अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप का जन्म इसी शहर में हुआ है। प्रदर्शन में शहर के नेताओं ने भी हिस्सा लिया। एस्टोरिया में प्रदर्शन कर रहे लोग ‘से इट लाउड, से इट क्लीयर, ‘रिफ्यूजी आर वेलकम हियर’, ‘नो हेट, नो फियर’ के नारे लगा रहे थे। पिछले 16 सालों से क्वीन्स में रहने वाले और मूल रूप से मिस्र के निवासी मुस्तफा अली ने कहा कि वह यहां अपने समुदाय को समर्थन देने आए हैं और इस व्यक्ति को अपने जुबान पर लगाम लगानी चाहिए।

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