राउरकेल: ओडिशा के सुन्दरगढ़ जिले के बोनाई में 30 वर्षीय महिला माओवादी ने आज पुलिस के समझ आत्मसमर्पण किया। उसे माओवादी विस्फोटक विशेषज्ञ माना जाता है। सुशांती उर्फ मुली मुंडा ने कई महीने पहले ही माओवादी संगठनों का साथ छोड़ दिया था, लेकिन पुलिस और माओवादी दोनों से ही जान के खतरा को देखते हुए छुपकर रह रही थी। पुलिस ने बताया कि सुशांती वर्ष 2010 में भाकपा :माओवादी: में शामिल हुई और एक साल बाद उसका पति मधुसूदन उर्फ मधू तारकोट भी संगठन में शामिल हो गया। वह सारंदा डिविजन में सक्रिय अनमोल उर्फ समरजी ग्रुप का हिस्सा थी। अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक आर. पाणिग्रही ने बताया, ‘‘वर्ष 2010-2015 के बीच सारंदा के जंगलों में, विशेष रूप से कोलन क्षेत्र में वह विभिन्न गतिविधियों में जुड़ी हुई थी।’’ मुली हथियारबंद सदस्य थी और वह विस्फोटकों की विशेषज्ञ है। पाणिग्रही ने बताया कि मुली और उसके पति दोनों एक ही डिविजन का हिस्सा थे।
उसका पति पिछले वर्ष गहमी के जंगलों में पुलिस मुठभेड़ में मारा गया था। मुठभेड़ में वह भी मौजूद थी।