ब्रह्मपुर (ओडिशा): पांच सौ और 1000 रुपये के पुराने नोटों का चलन बंद होने के बाद भले ही बहुत सारे लोगों के पास नकद की कमी हो गई है, लेकिन दक्षिण ओडिशा के ब्रह्मपुर केपी अनिल कुमार एक प्रकार से समृद्ध हो गए हैं। चलन से बाहर कर दिए गए सिक्कों एवं नोटों का संग्रहण करने वाले कुमार के एलबम में दो और पुराने नोट शामिल हो गए हैं । व्यापारी कुमार के पास आजादी से पहले और बाद के विभिन्न मूल्यों के नोटों का एक बड़ा संग्रह है। उनमें एक रुपये से लेकर 1000 रुपये तक विभिन्न आकार के नोट हैं। अड़तालीस वर्षीय कुमार ने कहा, ‘‘जिस दिन 500 और 1000 रुपये के नोट चलन से हटाए गए थे, उसी दिन मैंने इन नोटों को अपने एलबम में शामिल किया। ’’ कुमार ने कहा, ‘‘इनके साथ ही मैंने 500 रुपये के कम से कम तीन तरह के नोट और 1000 रुपये के दो तरह के नोट संग्रहीत किए हैं। इसके अलावा मेरे पास 10 रुपये, पांच रुपये और एक रुपये के छह-छह प्रकार के नोट, 100 रुपये के पांच प्रकार के नोट और 20 रुपये के तीन प्रकार के नोट हैं। ’’ दिलचस्प यह है कि इन नोटों मे कुछ नोट फैंसी नंबर जैसे 48 एच 700000 (10 रपये का नोट), जेपीटी 600000 (100 रुपये का नोट), 6सीए 577777 (500 रुपये का नोट) और 7 ईए 000007 (1000 रुपये का नोट) वाले हैं। कुमार को बचपन के दिनों से सिक्कों से स्नेह हो गया।
अनिल ने कहा, ‘‘मैं बचपन से ही इन सिक्कों एवं नोटों को जुटा रहा हूं।’’ उनके घर के एक कोने में इन्हें प्रदर्शित किया गया है। उनमें मुगल काल से लेकर वर्तमान समय तक के सिक्के हैं। उनके पास पांच रुपये के 30 प्रकार के सिक्के हैं। इसके अलावा उनके पास 25 देशों के अलग-अलग मूल्य के नोट भी हैं।