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लखनऊ: विश्व हिंदू परिषद (विहिप) अयोध्या में मंदिर निर्माण की नए सिरे से भावी कार्ययोजना बनाएगी। इसके लिए 26 जून को विहिप के पूर्वी क्षेत्र के 27 चुनिंदा पदाधिकारियों की अयोध्या के कारसेवकपुरम में महत्वपूर्ण बैठक बुलाई गई है। कोरोना के चलते 30 अप्रैल को मंदिर निर्माण के लिए पूजन नहीं हो पाया था। बैठक में विहिप के राष्ट्रीय उपाध्यक्ष व श्रीराम जन्मभूमि तीर्थ क्षेत्र के महामंत्री चंपत राय, विहिप के केंद्रीय महामंत्री (संगठन) विनायक राव देशपांडे, क्षेत्र संगठन मंत्री अंबरीष, पूर्वी क्षेत्र के चारों प्रांतों कानपुर, अवध, गोरखपुर और काशी के विहिप के प्रांत अध्यक्ष, प्रांत मंत्री, प्रांत संगठन मंत्री तथा बजरंग दल के प्रांत संयोजक हिस्सा लेंगे। इसके अलावा कुछ अन्य प्रमुख पदाधिकारी भी बैठक में बुलाए गए हैं।

दरअसल, विहिप ने 30 अप्रैल को भूमि पूजन और मंदिर निर्माण शुरू करने की विस्तृत योजना बनाई थी। इसके लिए प्रदेश और देश के प्रत्येक गांव की इस काम में भागीदारी सुनिश्चित करने की योजना बनाई थी। पर, कोरोना के चलते ऐसा नहीं हो सका। लोगों की आकांक्षाओं और अपेक्षाओं को देखते हुए विहिप तथा ट्रस्ट मंदिर निर्णाण शुरू करने में अब अधिक देरी नहीं करना चाहता लेकिन कोरोना इसमें आड़े आ रहा है।

जानकारी के मुताबिक, यह बैठक इसी विषय पर विचार करने के लिए बुलाई गई है।

सूत्रों के मुताबिक, बैठक में मंदिर निर्माण का काम शुरू करने का संभावित समय और प्रधानमंत्री के हाथों यह काम प्रारंभ कराने की कार्ययोजना पर विचार-विमर्श होगा। साथ ही इसकी व्यवस्थाओं पर चर्चा होगी। संतों की वर्चुअल के बजाय प्रधानमंत्री को अयोध्या बुलाकर मंदिर निर्माण की शुरुआत कराने की इच्छा पर भी बातचीत होगी। इस संभावना पर भी बातचीत होने की उम्मीद है कि कोरोना का संकट अगर एक-दो महीने में खत्म होने की संभावना हो, क्या तब इसे शुरू करना ठीक होगा।

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