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लखनऊ: भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने उत्तर प्रदेश में लोक कल्याण का संकल्प लेते हुए अपना पहला बजट गांव, खेत, किसान के नाम किया है। बजट में 36 हजार करोड़ रुपये से ज्यादा की रकम का बंदोबस्त कर किसानों के फसली कर्ज माफ करने का रास्ता साफ कर दिया। खर्च बचाने की खातिर पिछली अखिलेश सरकार की शुरू की गई योजनाओं से मौजूदा सरकार ने तौबा कर ली है। योगी आदित्यनाथ सरकार के वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने मंगलवार को विधानसभा में 384659.71 करोड़ रुपये का बजट पेश किया। यह आकार में पिछले बजट के मुकाबले 10.9 फीसदी अधिक है। अखिलेश सरकार ने 2016-17 में 3 लाख 46 हजार 935 करोड़ का बजट पेश किया था। बजट में बेरोजगारों की फिक्र 'मुख्यमंत्री युवा स्वरोजगार योजना' के रूप में दिखती है तो धार्मिक स्थलों के विकास की चिंता भी की गई है। यही नहीं पांच सालों में डेढ़ लाख पुलिस कर्मियों की भर्ती करने का संकल्प भी लिया गया है। सड़कों को दुरुस्त करने के लिए बजट में 3972 करोड़ रुपये का बंदोबस्त किया गया है। दीन दयाल उपाध्याय के नाम से कई योजनाओं को हरी झंडी दी गई है। लड़कियों के लिए स्नातक तक मुफ्त शिक्षा योजना का आगाज हुआ है।

पंडित दीन दयाल उपाध्याय जन्मशती वर्ष के उपलक्ष्य में साल 2017 को गरीब कल्याण वर्ष के रूप में मनाया जाएगा। वित्त मंत्री राजेश अग्रवाल ने बजट पेश करते हुए कहा, करीब 55,781 करोड़ रुपये की नई योजनाएं शुरू करने की तैयारी है। राज्य में गरीबी को खत्म करना हमारी प्राथमिकता है। किसान उत्पादों पर टैक्स की दर जीरो रखी गई है। पांच सालों में 10 फीसदी विकास दर हासिल करने का लक्ष्य रखा गया है। बुंदेलखंड को दिल्ली से एक्सप्रेस-वे से जोड़ने के लिए केंद्र से अनुरोध किया गया है। राजमार्गों को नेशनल हाईवे घोषित करने का प्रस्ताव है। सरकार लोक कल्याण संकल्प पत्र के अनुरूप बिना किसी भेदभाव के युवाओं के विकास के लिए प्रतिबद्ध है। वित्त मंत्री ने बताया कि 2 अक्टूबर, 2018 तक राज्य को खुले में शौच से मुक्त करने का लक्ष्य हमारी सरकार ने रखा है। वित्तमंत्री ने कहा कि इस फैसले से अन्नदाता के घरों में मुस्कान लौटेगी। अब किसानों के बकाया फसली कर्ज की अदायगी की प्रक्रिया सरकार जल्द शुरू करेगी। किसानों द्वारा कर्ज न चुका पाने के कारण एनपीए हो चुके खातों के लिए बैंकों से विचार कर एकमुश्त समाधान योजना लाई जाएगी। सरकार ने कर्ज माफी के संसाधन जुटाने के लिए पूर्ववर्ती सरकार की कई योजनाओं पर कैंची चलाने का फैसला किया है। पिछली अखिलेश सरकार ने समाजवादी पेंशन योजना चलाई थी। इसके लिए पिछले बजट में 3340 करोड़ रुपये रखे थे, लेकिन इस बार इसके लिए एक पैसा भी नहीं रखा गया है। इसी तरह साइकिल ट्रैक निर्माण योजना को भी खारिज कर दिया गया है। सरकार ने मौजूदा ट्रैक तोड़ने का ऐलान किया है। कन्या विद्या घन योजना पर भी विराम लग गया है। यह योजना मुलायम सिंह यादव के मुख्यमंत्रित्व काल में शुरू हुई थी, बाद में बंद हो गई। अखिलेश सरकार ने इसे फिर शुरू किया। इसके लिए पिछली बार 300 करोड़ रखे गए थे। इस बार यह योजना बजट से बाहर है। लैपटाप योजना के लिए भी एक पैसा नहीं रखा गया है। हालांकि भाजपा के घोषणा पत्र के हिसाब से सभी युवाओं को लैपटाप देने की योजना नए सिरे से शुरू हो सकती है। चर्चित यशभारती योजना मुलायम व अखिलेश सरकार की खास योजना रही है। इसके पात्रों को लेकर भी विवाद होते रहे हैं। इस योजना से भी योगी सरकार ने तौबा कर ली है। समाजवादी स्वास्थ्य बीमा योजना, लोहिया समग्र ग्राम विकास योजना, लोहिया आवास योजना पर भी कैंची चल गई है। कब्रिस्तान की चाहरदीवारी बनाने की योजना के लिए पैसा नहीं रखा गया है। वित्त मंत्री ने बताया कि किसानों के हित में अधिकांश कृषि उत्पादों पर कर की दर शून्य रखी है। छोटे व्यापारियों के एक बड़े वर्ग को जीएसटी पंजीकरण से छूट दी गई है, वहीं दूसरे बड़े वर्ग को जीएसटी में आसान तरीके से जोड़ा गया है। नई सूचना प्रणाली में सभी कार्य आनलाइन किए जाएंगे और कर दाता को किसी काम के लिए कार्यालय आने की जरूरत नहीं पड़ेगी। प्रदेश सरकार ने वर्ष 2017-18 के बजट में उच्च शिक्षा की लगभग बड़ी योजनाओं के लिए धन का प्रावधान किया है। राज्य विश्वविद्यालयों और राजकीय महाविद्यालयों में राष्ट्रीय उच्चतर शिक्षा अभियान (रूसा) के तहत आधारभूत सुविधाएं उपलब्ध कराने के लिए 191.27 करोड़ रुपये आवंटित करने का प्रस्ताव किया गया है।

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