देहरादून: उत्तराखंड में हिमस्खलन में 10 पर्वतारोहियों की मौत की खबर है जबकि 11 अन्य की तलाश जारी है। बता दें, राज्य के के द्रौपदी का डंडा-2 पर्वत चोटी पर हिमस्खलन के कारण नेहरू पर्वतारोहण संस्थान के दो दर्जन से अधिक प्रशिक्षुओं के फंसे होने की सूचना थी। उत्तराखंड के मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने ट्वीट कर बताया है कि हिमस्खलन में फंसे पर्वतारोही प्रशिक्षार्थियों को बचाने के लिए जिला प्रशासन, एनडीआरएफ, एसडीआरएफ, सेना और आईटीबीपी के जवानों द्वारा तेजी से राहत और बचाव कार्य चलाया जा रहा है। भारतीय वायु सेना ने राहत और बचाव कार्य के लिए दो चीता हेलीकॉप्टर भेजे हैं।
उत्तराखंड के डीजीपी अशोक कुमार ने मीडिया को बताया था कि द्रौपदी के डंडा-2 पर्वत शिखर पर हिमस्खलन में फंसे एनआईएम के 28 प्रशिक्षुओं में से 8 प्रशिक्षुओं को सुरक्षित बचा लिया गया है और बाकियों की खोज और बचाव के लिए वायुसेना के हेलीकॉप्टर तैनात किया गया है। प्रारंभिक रिपोर्टों के अनुसार आज सुबह करीब नौ बजे हिमस्खलन की घटना हुई।
हादसे की सूचना मिलते ही द्रौपदी के डंडा-2 पर्वत शिखर पर हिमस्खलन में फंसे प्रशिक्षुओं को निकालने के लिए एसडीआरएफ की टीमें देहरादून के सहस्त्रधारा हेलीपैड से रवाना हुई थीं।
सीएम धामी ने कहा कि उन्होंने रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह से बात की है और बचाव अभियान में तेजी लाने के लिए सेना से मदद की गुहार लगाई है। धामी ने कहा, "उन्होंने हमें केंद्र की ओर से हरसंभव मदद का आश्वासन दिया है। सभी को बाहर निकालने के लिए बचाव अभियान चलाया जा रहा है।" इस बीच, रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने भी ट्विटर का सहारा लिया और जानमाल के नुकसान पर दुख व्यक्त किया और अपने परिवार के सदस्यों को खोने वाले शोक संतप्त परिवारों को सांत्वना दी।
राजनाथ सिंह ने एक ट्वीट में कहा, "उत्तरकाशी में नेहरू पर्वतारोहण संस्थान द्वारा किए गए पर्वतारोहण अभियान में भूस्खलन के कारण कीमती जान गंवाने की दुखद सूचना से से गहरा दुख हुआ है। शोक संतप्त परिवारों के प्रति मेरी संवेदना है, जिन्होंने अपने प्रियजनों को खो दिया है।"