नई दिल्ली/बेंगलुरु: कर्नाटक के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा के इस्तीफे को लेकर चर्चाओं का बाजार गर्म है। हालांकि, उनके इस्तीफे पर अब तक संशय बरकरार है। सीएम की कुर्सी जाने की अटकलों के बीच येदियुरप्पा ने रविवार को संकेत दिया कि वह कब तक सत्ता में रहेंगे इसकी गारंटी नहीं है। भाजपा सूत्रों का कहना है कि मुख्यमंत्री के रूप में दो साल पूरे होने पर येदियुरप्पा सोमवार को इस्तीफा दे सकते हैं। येदियुरप्पा की कुर्सी जाने के कयासों के बीच, कर्नाटक के एक मंत्री भी दिल्ली पहुंचे हैं।
लिगांयत समुदाय के कद्दावर नेता माने जाने वाले येदियुरप्पा ने रविवार शाम को कहा, "अभी तक कोई जानकारी नहीं आई है... सरकार के दो साल पूरा होने पर सुबह कार्यक्रम है। मैं सरकार की दो साल की उपलब्धियों के बारे में बात करूंगा। इसके बाद, आपको आगे के बारे में पता चल जाएगा।"
कर्नाटक के सीएम ने कहा, "मैंने तय किया है कि मैं आखिरी मिनट तक काम करूंगा। मैंने दो महीने पहले ही कहा था कि जब भी मुझसे कहा जाएगा, मैं इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं।
येदियुरप्पा ने कहा, मैं इसे फिर से कहूंगा - अब तक मुझे केंद्र से कोई संदेश नहीं मिला है। अगर वे मुझसे पद पर बने रहने के लिए कहेंगे, तो मैं बना रहूंगा। यदि नहीं, तो मैं इस्तीफा दे दूंगा और पार्टी के लिए काम करूंगा।" उन्होंने कहा, "मेरा मानना है कि रात या फिर कल सुबह तक इसकी सूचना आ जाएगी।"
मीडिया रिर्पोटस के मुताबिक, येदियुरप्पा के इस्तीफे की जोर पकड़ती अटकलों के बीच कर्नाटक सरकार के मंत्री मुरुगेश निरानी रविवार को भाजपा नेताओं से मिलने के लिए अचानक दिल्ली पहुंचे। पार्टी सूत्रों ने यह जानकारी दी। हालांकि, निरानी से जुड़े करीबी लोगों का दावा है कि वह निजी दौरे पर दिल्ली गए हैं।
खान मंत्री निरानी भी येदियुरप्पा की तरह लिंगायत समुदाय से आते हैं और उन्हें मुख्यमंत्री पद के दावेदारों में से एक माना जा रहा है। निरानी के अलावा, भाजपा महासचिव सीटी रवि, कर्नाटक सरकार में गृह मंत्री बसवराज बोम्मई और केंद्रीय मंत्री प्रल्हाद जोशी का नाम भी सीएम पद की रेस में बताया जा रहा है।