बेंगलुरु: समाज में आपसी जातीय भेदभाव की जड़ें आज भी गहरी हैं। मैसूर के हलारा गांव में ऐसा ही एक मामला सामने आया है, जिसने मानवता को एक बार फिर शर्मसार कर दिया है। दरअसल, हलारा गांव में अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी समुदाय के लोगों बाल काटने पर नायक समाज के लोगों ने एक नाई का सामाजिक बहिष्कार कर दिया। साथ ही, उस पर जुर्माना भी लगा दिया। पीड़ित ने मामले की जानकारी पुलिस को दी, लेकिन कोई सुनवाई नहीं हुई। इसके बाद पीड़ित ने परिवार सहित आत्महत्या करने की धमकी दी है।
पीड़ित नाई की पहचान मल्लिकार्जुन शेट्टी के रूप में हुई है। उसने छोटी जाति के लोगों के बाल काटे थे, जिसके बाद नायक समुदाय के लोगों ने उस पर 50 हजार रुपये का जुर्माना लगा दिया और उसका भुगतान करने के लिए कहा। पीड़ित नाई ने बताया कि करीब तीन महीने पहले महादेव नायक, शंकरा, शिवराजू अपने साथियों के साथ उसकी दुकान पर आए थे। उन्होंने कहा कि अगर वह अनुसूचित जाति, अनुसूचित जनजाति और ओबीसी समुदाय के लोगों के बाल न काटे।
साथ ही यह भी कहा कि अगर वह ऐसा करता है तो उनसे बाल काटने के 300 रुपये और दाढ़ी बनाने के 200 रुपये ले। नाई ने इससे इंकार कर दिया। उसने कहा कि वह बाल काटने के 80 और दाढ़ी बनाने के 60 रुपये से ज्यादा नहीं लेगा, क्योंकि सभी के लिए चार्ज बराबर है। मल्लिकार्जुन ने इस मामले की जानकारी पुलिस को दी, लेकिन नहीं हुई सुनवाई।
फिर शुरू हुआ दबंगों का अत्याचार
पीड़ित नाई का आरोप है कि इसके बाद महादेव और उसके साथियों ने गांव के लोगों से उसका बहिष्कार करने के लिए कहा। साथ ही, उसके बेटे को घर के बाहर से उठा लिया। नाई ने मीडिया को बताया कि आरोपियों ने उसके बेटे को जबरन शराब पिलाई। इसके बाद उन्होंने उसके बेटे को निर्वस्त्र कर दिया और उसका वीडियो बना लिया।
पीड़ित ने दी आत्महत्या की धमकी
मल्लिकार्जुन शेट्टी ने बताया कि मेरे साथ ऐसा तीन बार हो चुका है। मैं पहले भी जुर्माना दे चुका हूं। अगर यह मामला नहीं सुलझता है तो मेरा परिवार आत्महत्या कर लेगा। मैंने इस मामले में अधिकारियों से शिकायत की है।