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बेंगलुरू: कर्नाटक में राजनीतिक माहौल एक बार फिर गरमा गया है। विपक्षी पार्टी कांग्रेस बीएस येदियुरप्पा की अगुवाई वाली भाजपा सरकार के खिलाफ अविश्वास प्रस्ताव लाने की तैयारी में है। कांग्रेस को अविश्वास प्रस्ताव पर बहस की उम्मीद है। राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री सिद्धारमैया ने गुरुवार को अविश्वास प्रस्ताव का नोटिस देते हुए दावा किया कि कोरोना संकट, भ्रष्टाचार, विकास का अभाव और राज्य की खस्ताहाल वित्तीय स्थिति के बाद राज्य की जनता का विश्वास सरकार से उठ गया है।  

कांग्रेस नेता सिद्धारमैया ने शुक्रवार को कहा, "जहां-तहां रोज लोग मर रहे हैं। पिछले एक हफ्ते में हमने एक केंद्रीय मंत्री, एक राज्यसभा सांसद और एक विधायक को खो दिया। कोरोना के मामलों में करीब 2000 करोड़ रुपये का भ्रष्टाचार हुआ है। हर जगह दंगे हो रहे हैं।" भाजपा ने अविश्वास प्रस्ताव को खारिज करते हुए कहा कि एक ऐसी पार्टी जिसके पास पर्याप्त संख्या बल नहीं है, उसके द्वारा यह "राजनीतिक नौटंकी" की जा रही है।राज्य के मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा ने शुक्रवार को अविश्वास प्रस्ताव पर कहा कि उन्हें इससे "कोई दिक्कत" नहीं है।

येदियुरप्पा ने संवाददाताओं से कहा, "मुझे कोई आपत्ति नहीं है। उन्हें अविश्वास प्रस्ताव लाने दीजिए। हर छह महीने में उन्हें अविश्वास प्रस्ताव लाना चाहिए ताकि मैं अगले छह महीने के लिए सुरक्षित रहूंगा।" 

मुख्यमंत्री बीएस येदियुरप्पा का भरोसा विधानसभा की गणित पर टिका हुआ है। सत्ताधारी दल भाजपा के पास 225 सदस्यीय विधानसभा में 116 सीट है। कांग्रेस के पास 67 और जेडीएस सेक्युलर के पास 33 विधायक हैं। बाकी सीटें बीएसपी और निर्दलीय विधायकों की है। चार सीटें खाली हैं।

 

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