बेंगलुरू: कर्नाटक के गृह मंत्री बासवराज बोम्मई ने बृहस्पतिवार को कहा कि बेंगलुरू के कुछ हिस्सों में मंगलवार की रात हुई हिंसा के पीछे सोशल डेमोक्रेटिक पार्टी ऑफ इंडिया (एसडीपीआई) की भूमिका प्रकाश में आई है और इस संबंध में गहराई से जांच कराई जाएगी। उपमुख्यमंत्री सी एन अश्वथ नारायण ने कहा कि सरकार एसडीपीआई को प्रतिबंधित करने पर विचार कर रही है, जिसके चार सदस्य उन लगभग 140 लोगों में शामिल है जिन्हें मंगलवार की रात की हिंसा के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया है।
नारायण के हवाले से उनके कार्यालय द्वारा जारी एक विज्ञप्ति में कहा गया है, ‘‘पहले की घटनाओं (एसडीपीआई की संलिप्पता) के सबूत हैं। सरकार ऐसे संगठनों पर प्रतिबंध लगाने के लिए एक साहसिक निर्णय लेगी। आवश्यक साक्ष्य एकत्र करने के बाद सरकार इस संगठन पर प्रतिबंध लगाने के लिए कदम उठाएगी।’’ पुलिस द्वारा दर्ज प्राथमिकी के अनुसार सैंकड़ों लोगों ने हथियारों से पुलिस थानों पर हमला किया। दंगा प्रभावित क्षेत्रों में अब शांतिपूर्ण स्थिति है और त्वरित कार्यबल की एक टुकड़ी ने फ्लैग मार्च किया।
मंत्री ने कहा कि इस संबंध में एसडीपीआई से जुड़े चार लोगों को गिरफ्तार किया गया है और जांच चल रही है। बोम्मई ने कहा, ‘‘केजी हल्ली और डीजे हल्ली इलाकों में कल से शांति है और कोई अप्रिय घटना नहीं हुयी है... जांच आगे बढ़ने के साथ ही नई जानकारी सामने आ रही है। मैं सब कुछ आपके साथ साझा नहीं कर सकता, लेकिन आने वाले दिनों में मैं मीडिया के सामने इसे साझा करूंगा।’’
उन्होंने यहां संवाददाताओं से कहा कि अब तक की जानकारी और वीडियो फुटेज के अनुसार एसडीपीआई की भूमिका सामने आ रही है। हम इस संबंध में और जानकारी एकत्र कर रहे हैं तथा इसकी गहराई से जांच कर रहे हैं।
एसडीपीआई ने बुधवार को हिंसा में अपनी भूमिका से इनकार किया था और पुलिस की निष्क्रियता को हिंसा के लिए जिम्मेदार ठहराया था।
उन्होंने कहा, ‘‘पहले ही एसडीपीआई के कई पदाधिकारी गिरफ्तार किए गए हैं। एसडीपीआई का जिला सचिव मुजम्मिल पाशा मुख्य (व्यक्ति) है, फिरोज, अफराज पाशा और शेख आदिल भी हैं। ये सभी एसडीपीआई से हैं। उनकी भूमिका की पूरी तरह से जांच की जा रही है और उन्हें गिरफ्तार किया गया है।’’