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तिरुवनंतपुरम: केंद्र सरकार ने केरल हाई कोर्ट में एक अपील दायर की है जिसमें उच्च न्यायालय की एकल पीठ के एक आदेश को रद्द करने की मांग की गई है। दरअसल केरल हाईकोर्ट ने केंद्र सरकार को निर्देश दिया था कि जो लोग कोविशील्ड टीके की पहली खुराक के बाद दूसरी खुराक जल्दी लेना चाहते हैं, उनके लिए पहली खुराक लेने के चार हफ्ते बाद कोविन पोर्टल पर दूसरी खुराक का समय लेने की इजाजत दी जाए ताकि वे इसे शेड्यूल कर सकें।

बता दें कि न्यायमूर्ति पी बी सुरेश कुमार ने सितंबर के पहले सप्ताह में मामले की सुनवाई के दौरान कहा था कि अगर केंद्र और राज्य सरकारें विदेश यात्रा करने वाले लोगों को कोरोना से जल्दी और बेहतर सुरक्षा के बीच चयन करने की अनुमति दे सकती हैं, तो कोई कारण नहीं है कि समान विशेषाधिकार यहां रहने वाले लोगों को नहीं दिया जा सकता। खासकर उन लोगों को जो अपने रोजगार या शिक्षा की वजह से जल्द सुरक्षा चाहते हैं।

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने आज एक अहम फैसले में कहा है कि केरल के मशहूर पद्मनाभस्वामी मंदिर ट्रस्ट का ऑडिट होगा। ट्रस्ट की 25 साल के ऑडिट किये जाने के आदेश से छूट की मांग वाली याचिका खारिज करते हुए सुप्रीम कोर्ट ने साफ तौर पर कहा कि ट्रस्ट को ऑडिट से छूट नहीं है। कोर्ट ने कहा कि साल 2020 का आदेश सिर्फ मंदिर ही नहीं, ट्रस्ट पर भी लागू है। इसके साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने तीन महीने में ऑडिट पूरा करने का निर्देश दिया है।

दरअसल, पद्मनाभस्वामी मंदिर गहरे आर्थिक संकट से जूझ रहा है और मंदिर को मिल रहा चढ़ावा इसकी जरूरतों को पूरा करने के लिए पर्याप्त नहीं है। पद्मनाभस्वामी मंदिर की प्रशासनिक समिति ने सुप्रीम कोर्ट को ये जानकारी दी है।

प्रशासनिक समिति की तरफ से पेश हुए वरिष्ठ वकील आर बसंत ने कोर्ट को कहा कि केरल में सभी मंदिर बंद है, वहीं इस मंदिर का मासिक खर्च सवा करोड़ के आसपास है, जबकि फिलहाल चढ़ावे के तौर पर महज 60-70 लाख रुपये ही मिल पा रहे हैं। ऐसी सूरत में मंदिर का कामकाज सुचारू रूप से चलाना संभव नहीं है।

नई दिल्ली: केरल बुरी तरह से कोरोना वायरस महामारी की मार झेल रहा है। देश में इस वक्त कोरोना के सबसे ज्यादा मामले केरल से ही आ रहे हैं। इस बीच, केरल सरकार को सुप्रीम कोर्ट से 11वीं कक्षा की परीक्षा ऑफलाइन करवाने की अनुमति मिल गई है। केरल सरकार ने शीर्ष न्यायालय को भरोसा दिलाया है कि कोविड-19 से बचाव से जुड़े सभी उपायों को पालन किया जाएगा।

सुप्रीम कोर्ट ने कहा कि हम आशा और विश्वास करते हैं कि अधिकारियों द्वारा सभी सावधानियां और आवश्यक कदम उठाए जाएंगे और वे यह सुनिश्चित करेंगे कि कोई भी अप्रिय स्थिति न हो, जो कम उम्र के बच्चों को प्रभावित करे। कोर्ट ने कहा कि हमने पहले हस्तक्षेप किया था क्योंकि सितंबर में तीसरी लहर आने की संभावना थी। अब रिपोर्ट्स के मुताबिक, अब ऐसा तुरंत नहीं होने वाला है।

बता दें शीर्ष न्यायालय ने तीन सितंबर को केरल में 11वीं कक्षा के ऑफलाइन एग्जाम यानी क्लासरूम में परीक्षा पर रोक लगा दी थी। केरल में 6 सितंबर से 11 वीं क्लास की परीक्षा शुरू होनी थी।

तिरुवनंतपुरम: केरल में पिछले हफ्ते निपाह वायरस के संक्रमण से मरने वाले एक बच्चे के संपर्क में आए लोगों की जांच रिपोर्ट नेगेटिव आई है, लेकिन अबतक संक्रमण के स्रोत का पता नहीं चला है और सरकार प्राथमिकता के आधार पर यह पता लगाने की कोशिश कर रही है। यह जानकारी रविवार को केरल की स्वास्थ्य मंत्री वीणा जॉर्ज ने दी।

उन्होंने बताया, ‘‘मृतक बच्चे के करीबी संपर्क में आए लोगों के चार नमूने दोबारा लिये गये थे। उन सभी की रिपोर्ट नेगेटिव आई है। क्षेत्र में हमारी निगरानी जारी है और बुखार की भी निगरानी की जा रही है। संक्रमण के केंद्र रहे स्थान पर नमूनों की जांच भी जारी है।''

जॉर्ज ने बताया कि संक्रमण के स्रोत का पता लगाया जाना अहम है और पुणे स्थित राष्ट्रीय विषाणु विज्ञान संस्थान (एनआईवी) की निगरानी टीम विभिन्न स्थानों से नमूने एकत्र कर रही है। उन्होंने बताया,‘‘संपर्क में आए और अधिक खतरे का सामना कर रहे लोगों को कोझिकोड चिकित्सा महाविद्यालय अस्पताल में पृथक रखा गया है। उनकी हालत स्थिर है।

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