अहमदाबाद: गुजरात में पिछले 24 घंटे में कोविड-19 के 367 नए मामले सामने आने से राज्य में इसके कुल मामले बृहस्पतिवार (28 मई) को बढ़कर 15,572 हो गए। यह जानकारी स्वास्थ्य विभाग ने दी। विभाग ने एक बयान में कहा कि इसी अवधि के दौरान 22 मरीजों ने संक्रमण के चलते दम तोड़ दिया जिससे राज्य में मृतक संख्या बढ़कर 960 हो गई। उसने कहा कि 454 व्यक्ति संक्रमण से ठीक भी हुए और उन्हें राज्य में विभिन्न अस्पतालों से छुट्टी दी गई। इससे ऐसे व्यक्तियों की संख्या बढ़कर 8,001 हो गई। गुजरात में कोविड-19 के आंकड़े इस प्रकार हैं: संक्रमण के कुल मामले 15,572, नए मामले 367, मृतक संख्या 960, ठीक हुए मरीजों की संख्या 8001, ऐसे मरीजों की संख्या जिनका इलाज चल रहा है 6611, अभी तक कुल 1,98,048 जांच हुई।
अहमदाबाद में दो महीने में 100 से अधिक डॉक्टर कोरोना संक्रमित
इंडियन मेडिकल एसोसिएशन (आईएमए)-गुजरात के एक पदाधिकारी ने बृहस्पतिवार (28 मई) को कहा कि अहमदाबाद में पिछले दो महीने में 100 से अधिक डॉक्टर कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।
आईएमए-गुजरात के सचिव डॉ. कमलेश सैनी ने कहा कि इनमें से कई को ठीक होने के बाद अस्पताल से छुट्टी दी चुकी है, कई अन्य का अब भी उपचार चल रहा है। उन्होंने कहा कि शहर के एक जाने-माने हड्डी रोग विशेषज्ञ की कोविड-19 से मौत हो गई है।
सैनी ने कहा, ''कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए लोगों में वरिष्ठ डॉक्टर भी शामिल हैं। बी जे मेडिकल कॉलेज के पूर्व डीन भी कोरोना वायरस से संक्रमित पाए गए हैं।" उन्होंने कहा, ''संक्रमित डॉक्टरों की संख्या 100 से अधिक हो सकती है क्योंकि उनमें से अनेक सामने नहीं आए हैं और एसोसिएशन को संक्रमण के बारे में सूचना नहीं दी है।"
अहमदाबाद सिविल अस्पताल पर इलाज में लापरवाही का आरोप
वहीं, अहमदाबाद सिविल अस्पताल में इलाज के दौरान दम तोड़ने वाले कई मरीजों के रिश्तेदारों ने आरोप लगाया है कि डॉक्टरों और नर्सों की लापरवाही और उदासीनता की वजह से उनके परिजन की जान गई है। ये आरोप ऐसे समय में सामने आए हैं जब गुजरात उच्च न्यायालय ने कुछ दिन पहले ही कोरोना वायरस संकट के बीच इस अस्पताल के कामकाज के तरीकों की आलोचना की है। अहमदाबाद में स्थित इस अस्पताल को एशिया का सबसे बड़ा सरकारी अस्पताल माना जाता है। यहां सैंकड़ों डॉक्टर और नर्स काम करते हैं।