नई दिल्ली: साल 2002 के नरोदा पाटिया नरसंहार के मामले में 21 साल की सजा काट रहा बाबू बजरंगी विभिन्न बीमारियों के कारण बेहद बुरी हालत में है। गुजरात पुलिस ने गुरुवार को सुप्रीम कोर्ट को यह जानकारी दी।
बजरंगी ने मांगी है जमानत
गुजरात सरकार ने बजरंगी की जमानत याचिका के जवाब में शीर्ष अदालत को मेडिकल रिपोर्ट के हवाले से बताया कि बजरंग दल का नेता रह चुका यह शख्स कई बीमारियों से ग्रस्त है। न्यायमूर्ति ए.एम. खानविलकर और न्यायमूर्ति अजय रस्तोगी की पीठ ने राज्य सरकार के वकील को बजरंगी के स्वास्थ्य के बारे में हलफनामे पर मेडिकल रिपोर्ट दायर करने का निर्देश दिया। कोर्ट ने कहा कि इसे रिकार्ड पर लाने की जरूरत है। बजरंगी की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता आर. बसंत ने कहा, मैं इस मामले में स्वास्थ्य खराब होने के आधार पर ही जमानत का अनुरोध कर रहा हूं। बजरंगी सौ फीसदी बधिर और दृष्टिहीन हो चुके हैं तथा दिल की कई बीमारियों से भी पीड़ित हैं।
पीड़ित कर रही विरोध
जबकि नरोदा पटिया नरसंहार कांड की पीड़ित होने का दावा करने वाली फरीदाबेन अब्दुल कादर खलीफा की ओर से अधिवक्ता अपर्णा भट ने इस मामले में हस्तक्षेप करने के लिए कोर्ट को अर्जी दी है। वह बजरंगी की जमानत याचिका का विरोध करना चाहती हैं। इस पर पीठ ने कहा, उन्हें हलफनामा दाखिल करने दीजिए। हम मेरिट पर आपको सुनेंगे। इसके साथ ही पीठ ने इस मामले को अगले सप्ताह के लिए सूचीबद्ध कर दिया। कोर्ट ने कहा, अगले सप्ताह जमानत याचिका के साथ ही इसमें हस्तक्षेप के लिए दायर आवेदन पर विचार किया जाएगा। शीर्ष अदालत ने पिछले वर्ष 8 अक्तूबर को बजरंगी की जमानत याचिका पर गुजरात पुलिस से जवाब मांगा था।
नरोदा पटिया में मारे गए थे 97 लोग
बजरंगी ने जमानत का अनुरोध करते हुए गुजरात हाई कोर्ट के 20 अप्रैल 2018 के फैसले को चुनौती दी है। इस फैसले में बजरंगी को उम्र कैद की सजा देने के निचली अदालत के फैसले को बरकरार रखते हुए हाई कोर्ट ने बगैर किसी छूट के इसकी अवधि घटाकर 21 साल कर दी थी। इस मामले में शीर्ष अदालत ने 23 जनवरी को चार दोषियों को नियमित जमानत प्रदान की थी।
गौरतलब है कि 28 फरवरी 2002 को अहमदाबाद के पास नरोदा पटिया इलाके में उग्र भीड़ ने 97 लोगों की हत्या कर दी थी। मारे गए लोगों में अधिकतर अल्पसंख्यक समुदाय के थे। यह नरसंहार उस समय हुआ था, जिससे पहले गोधरा में साबरमती एक्सप्रेस के डिब्बों में हुए अग्निकांड में 59 लोग मारे गए थे।