अहमदाबाद: पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के नेता हार्दिक पटेल ने किसानों की कर्ज माफी, पाटीदार आरक्षण और राजद्रोह के मामले में जेल में बंद अपने एक साथी अल्पेश कथिरिया की रिहाई की मांग को लेकर गत 25 अगस्त से चल रहे उनके आमरण अनशन को 19वें दिन समाप्त कर दिया। पाटीदार समुदाय के प्रमुख धार्मिक संगठन उमिया धाम के प्रमुख प्रहलाद पटेल, खोडलधाम के चेयरमैन नरेश पटेल और इन दोनों समेत छह संगठनों के प्रतिनिधियों के समन्वयक सी के पटेल के हाथों नींबू पानी, नारियल पानी और पानी पीकर अनशन समाप्त करने के बाद हार्दिक ने कहा कि वह अपने समाज के वरिष्ठों को सम्मान देने के लिए उनके समक्ष झुके हैं। वह सरकार के समक्ष नहीं झुके हैं।
उन्होंने कहा कि समाज के वरिष्ठजनों ने कहा है कि वे सरकार से बात करेंगे। अगर सरकार हमारी बात मानती है तो ठीक है पर अगर यह नहीं मानती तो यह माना जायेगा कि उसे हमारी जरूरत नहीं है। उन्होंने अपने संबोधन के अंत में सत्तारूढ़ भाजपा के प्रति अपनी नाराजगी भी जाहिर की।
कांग्रेस के करीबी माने जाने वाले हार्दिक ने भाजपा का नाम लिये बिना कहा कि यह भी सोचना होगा कि समुदाय कब तक गुलामी की मानसिकता रखेगा। उन्होंने यह भी कहा कि उनकी लड़ाई गरीब किसानों और मात्र दस पंद्रह हजार रूपये कमाने वाले शहर के ऐसे गरीब पाटीदारों के लिए है जो अपने बच्चों को अच्छी शिक्षा तक नहीं दिला सकते। इससे पहले पाटीदार समाज के नेताओं ने आपसी एकता और संगठन की ताकत पर जोर दिया। सी के पटेल ने यह भी कहा कि इस बात के लिए होशियार रहना होगा कि कोई समुदाय को विभाजित न करे अथवा तोड़े नहीं।
इस बीच, हार्दिक के पूर्व साथी और भाजपा नेता केतन पटेल ने कहा कि पाटीदार समाज ने अब समझ लिया है कि हार्दिक पटेल राजनीतिक कारणों से आंदोलन को किसी तरह जिंदा रखना चाहते हैं। राज्य सरकार ने पहले ही पाटीदार आंदोलन संबंधी अधिकतर संभव मांगों को मान लिया था और आंदोलन तभी समाप्त हो जाना चाहिए था पर हार्दिक अपने निजी महत्वाकांक्षा को लेकर इसे किसी तरह जारी रखना चाहते थे। इसलिए अब उन्हें कोई समर्थन नहीं मिल रहा।
उनके पिछले कार्यक्रमों के दौरान हुई तोड़फोड़ और हिंसा चलते बाहर उपवास आंदोलन की अनुमति नहीं मिलने पर यहां अपने आवास ग्रीनवुड रिसार्ट में आमरण अनशन पर बैठे हार्दिक पटेल को उपवास के 14 वें दिन सात सितंबर को पहले सरकारी अस्पताल में और बाद में निजी अस्पताल में भतीर् कराया गया था। इलाज के बाद 9 सितंबर को वापस वह अपने आवास पर आकर अनशन पर बैठ गये। आज कुल मिला कर उनके अनशन का 19 वां दिन था।
उन्होंने इस बीच दो बार पानी का त्याग भी किया था पर इसे फिर से लेना शुरू कर दिया था। हार्दिक कैंप की ओर से बार-बार दिये गये अल्टीमेटम के बावजूद राज्य की भाजपा सरकार ने इस बार कड़ा रूख बनाये रखा। उसने कहा कि हार्दिक ने पिछले चुनाव में कांग्रेस का समर्थन किया था कि अब भी वह उसी के इशारे पर आगामी लोकसभा चुनाव में उसे लाभ दिलाने की नीयत से यह आंदोलन कर रहे हैं। हार्दिक से मिलने वालों में अधिकतर कांग्रेस के नेता था इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी के धुर विरोधी माने जाने वाले पूर्व मंत्री यशवंत सिन्हा, शत्रुघ्न सिन्हा तथा कई अन्य ऐसे चेहरे शामिल थे। आज हार्दिक के अनशन के समापन के मौके पर कांग्रेस के कई विधायक और गढड़ा के स्वामीनारायण मंदिर के प्रमुख एस पी स्वामी भी उपस्थित थे।