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अहमदाबाद: अनशन के दौरान तबीयत बिगड़ने पर शनिवार से अस्पताल में भर्ती पाटीदार आरक्षण आंदोलन समिति (पास) के नेता हार्दिक पटेल को रविवार को अस्पताल से छुट्टी दे दी गयी। आज उनके अनशन का 16वां दिन है। एसजीवीपी अस्पताल से आज छुट्टी मिलने के बाद हार्दिक पटेल ने अपने घर पहुंच कर अनशन जारी रखा है। उन्होंने फेसबुक पर कहा है कि तीनों मांगे पूरी होने तक अनशन जारी रहेगा। पार्टी के प्रवक्ता मनोज पनारा ने बताया कि हार्दिक ने डाक्टरों की सलाह पर पानी लेना शुरू किया है।

उन्होंने कहा कि सरकार ने बातचीत के लिए अब तक कोई प्रस्ताव उन्हें नहीं दिया है। उनका अनशन जारी रहेगा। हार्दिक ने अपने फेसबुक वॉल पर लिखा, अनिश्चितकालीन उपवास आंदोलन के सोलवें दिन अस्पताल से छूटी लेकर मेरे निवास स्थान पर जा रहा हूं। किसानों की क़र्ज़ा माफ़ी और सामाजिक न्याय के तहत आज उपवास आंदोलन के सोलवें दिन पूरे प्रदेश में उपवास और जनसभा हो रही हैं। संपूर्ण लोक क्रांति का आह्वान हो गया हैं। हम कमज़ोर नहीं हैं। ‬उपवास आंदोलन बंद नहीं होगा।

एक और पोस्ट में हार्दिक ने लिखा, घर पहुंचते ही फिर से मेरे निवास स्थान के बाहर हज़ारों की तादाद में पुलिस को तैनात कर दिया और लोगों को रोकने लगी, अगर आपने अंग्रेज़ हुकूमत नहीं देखी तो आइए एक बार गुजरात, हमारे निवास स्थान पर आपको बाघा बॉर्डर का भी नज़ारा देखने को मिलेगा। सत्ता के नशे में जनता पर अमानवीय अत्याचार हैं‬। उपवास आंदोलन का कवरेज कर रहे मीडिया कर्मी पर भी पुलिस ने बलप्रयोग किया और उनके कैमरे तोड़ने का प्रयास हुआ।जनता के साथ साथ अब मीडिया को भी पुलिस धमकी देने लग गई हैं।

बता दें कि हार्दिक ने 25 अगस्त से किसानों की ऋण माफी, पाटीदार समुदाय को आरक्षण और राजद्रोह के मामले में गिरफ्तार उनके साथी अल्पेश कथिरिया की रिहाई की मांग को लेकर यहां अपने ग्रीनवुड रिसार्ट आवास में अनशन शुरू किया था। शनिवार को 14वें दिन उन्हें तबीयत बिगड़ने पर सरकारी अस्पताल में भर्ती कराया गया था। सारे रिपोर्ट सामान्य आने पर उनके समर्थकों ने सरकारी अस्पताल पर संदेह जताते हुए देर रात उन्हें निजी क्षेत्र के एसजीवीपी अस्पताल में भर्ती कराया था। उन्होंने इससे पहले 30 और 31 अगस्त को भी पानी पीना बंद किया था पर एक सितंबर को फिर से पानी पीना शुरू कर दिया था।

राज्य में सत्तारूढ़ भाजपा का कहना है कि खुलेआम कांग्रेस का समर्थन करने वाले हार्दिक और उनके साथी राजनीतिक कारणों से और अगले लोकसभा चुनाव के मद्देनजर यह सब कर रहे हैं। हालांकि राज्य सरकार किसी से भी बातचीत के लिए तैयार है।

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