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अहमदाबाद: पीएम नरेंद्र मोदी और इस्राइल के पीएम बेंजामिन नेतन्याहू आज गुजरात गए हैं। अहमदाबाद में आईक्रिएट इवेंट में दोनों ने हिस्सा लिया। इस मौके पर पीएम मोदी ने मौके पर मौजूद लोगों को संबोधित किया। पीएम नरेंद्र मोदी ने कहा कि पिछले साल मैंने उन्हें गुजरात आने का न्यौता दिया था। वह इस साल आए और गुजरात भी आए।

पीएम मोदी ने किसानों की बात कही। पीएम ने कहा कि किसी भी संस्था का महत्व उसके स्थापना के साथ नहीं आंका जा सकता है। बाद में यह पता चलता है। उन्होंने कहा कि पूरी दुनिया में गुजरात और गुजरातियों का नाम है। यह नाम फार्मेसी के क्षेत्र में है। आज से कुछ वर्ष पहले गुजरात में फार्मेसी का कॉलेज आईक्रिएट खुला था।

उन्होंने कहा कि यहां से निकलने वाले नौजवानों से देश को काफी उम्मीदें हैं। ये लोग पूरे विश्व में भारत का नाम रोशन करेंगे। पीएम मोदी ने कहा कि मैं तब भी चाहता था कि इस संस्था से इजरायल को जोड़ा जाए। इससे भारत की इस संस्था को लाभ होगा और इससे देश को भी लाभ होगा। पानी के संरक्षण, कृषि उत्पादन, साइबर सिक्यूरिटी आदि ऐसे कई क्षेत्र हैं जहां पर भारत इस्राइल का लाभ ले सकता है। पीएम मोदी ने कहा कि देश का आकार नहीं देशवालों का संकल्प देश को आगे ले जाता है।

उन्होंने कहा कि मैं पहले शिमोन पैरिस से मिलने का मौका मिला था। उन्होंने उनकी एक बात याद करते हुए कहा कि उनकी बात आज सच साबित हुई है। उन्होंने बताया कि पैरिस कहते थे, जितने बड़े सपने होंगे उतने बड़े नतीजे होंगे। यह सच है। पीएम मोदी ने कहा कि यही वजह है इस्राइल के लोगों को इसका लाभ मिला है।

पीएम मोदी ने कालीदास की एक पुस्तक में कही बात का उदाहरण देते हुए कहा कि बुद्धिमान व्यक्ति गुणों के आधार पर किसी बात पर अपना मन बनाता है जबकि मूर्ख दूसरों की राय पर अपनी राय बनाता है। उन्होंने कहा कि मंगल पर पहुंचा जा सकता है यह हमारे वैज्ञानिकों ने साबित किया है।

पीएम मोदी ने इसरो की कामयाबी का जिक्र भी किया और कहा कि 100 से ज्यादा सैटेलाइट इन्होंने अंतरिक्ष में भेजा। उन्होंने कहा कि आज जब हम आईक्रिएट का लोकार्पण कर रहे हैं, तो मैं स्वर्गीय प्रोफेसर एनवी वसानी को याद करना चाहूंगा। उन्होंने कहा कि मुझे अच्छी तरह से याद है कि जब आईक्रिएट की कल्पना की गयी, तो इसको मूर्त रूप देने की ज़िम्मेदारी प्रोफेसर वसानी के पास आयी।

पीएम मोदी ने कहा कि किसान एक छोटा सा पौधा बोता है, तो आने वाली कई पीढियां उस विशाल वृक्ष के फल पाती हैं। किसान की आत्मा, जहां कहीं भी होती है, यह देखकर निश्चित रूप से आनंदित होती है। आज आईक्रिएट के लोकार्पण पर उसी खुशी का अनुभव हो रहा है। किसी संस्थान का महत्त्व उसके जन्म के समय नहीं आंका जा सकता है। हम सब जानते हैं कि आज भारत ही नहीं, पूरे विश्व में फार्मासुटिकल के क्षेत्र में गुजरात का नाम है। पर बहुत कम लोगों को इसका बैकग्राउंड मालूम होगा।

उन्होंने कहा कि आज से लगभग 50-60 साल पहले, अहमदाबाद शहर के उद्योगपतियों के प्रयासों से एक फार्मेसी कॉलेज की शुरुवात हुई थी। उस कॉलेज ने अहमदाबाद और पूरे गुजरात में फार्मेसी के क्षेत्र में एक मजबूत इकोसिस्टम खड़ा कर दिया। मैं यही अपेक्षा आईक्रिएट और यहाँ से निकलने वाले विद्यार्थियों से रखता हूं, कि वो इनोवेशन के क्षेत्र में भारत का नाम पूरे विश्व में रोशन करेंगे।

उन्होंने कहा कि जब कुछ वर्ष पहले मैंने आईक्रिए को लॉन्च किया था, तो उस समय भी कहा था कि मैं इजरायल को आईक्रिएट से जोड़ना चाहता हूं। मेरा मकसद यही था कि इजरायल के अनुभव का फायदा, उसके स्टार्प अप इवेंट का लाभ, इस संस्था को, देश के नौजवानों को मिले। इजरायल की टेक्नोलॉजी एवं क्रिएटिविटी पूरे विश्व को प्रभावित करती है। इजरायल के लोगों ने पूरी दुनिया में साबित किया है कि देश का आकार नहीं, देशवासियों का संकल्प, देश को आगे ले जाता है। भारत और इजरायल के लोगों को और करीब लाने में इनोवेशन की बड़ी भूमिका है। हमारे युवाओं के पास एनर्जी भी है और उत्साह भी, उनको चाहिए तो थोड़ा सा एनकरेजमेंट, थोड़ी सी मेंटरशिप, थोड़ा सा नेटवर्क, थोड़ा सा सपोर्ट जरूरी है।

पीएम ने कहा कि सफलता की पहली शर्त होती है- साहस। जो साहस कर सकता है, वो कोई भी निर्णय ले सकता है। मैं आईक्रिएट के माध्यम से इनोवेशन कर रहे साहसी युवाओं को बहुत-बहुत बधाई देता हूं। पीएम मोदी ने कहा कि कंवेनशन और इनोवेशन के बीच हमेशा से ही खींचतान रही है। जब भी कोई कुछ नया करना चाहता है, तो एक वर्ग उसका मज़ाक उड़ाता है, विरोध करता है। केवल इसलिए कि कोई चीज़ पुरानी है, आवश्यक नहीं कि वह अच्छी ही होगी।इसी प्रकार, कोई चीज़ नयी है, तो ज़रूरी नहीं कि वह अच्छी ही होगी।

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