छत्तीसगढ़: गुरमीत रामरहीम और आसाराम जेल में हैं. बावजूद इसके ढोंगी बाबाओं में लोगों का विश्वास बना हुआ है। अखाड़ा परिषद ढोंगी बाबाओं की लिस्ट जारी कर चुका है, बावजूद इसके लोग उनके दरबार में जाते हैं। अंधविश्वास का आलम यह है कि खुद छत्तीसगढ़ के गृह मंत्री राम सेवक पैकरा कंबल वाले बाबा की शरण में शुगर का इलाज कराने जा पहुंचे। वह पैकरा जनसंपर्क यात्रा पर थे। बलरामपुर जिले में गए तो उन्हें कंबल वाले बाबा के बारे में पता लगा। इस बाबा का दावा है कि वह कंबल ओढ़ाकर कानों में मंत्र फूंक दें तो बड़ी से बड़ी बीमारी छू मंतर हो जाती है, शर्त इतनी है कि बाबा के दरबार में पांच दफे आना होता है। इस मामले में जब हमने राम सेवक पैकरा से उनका पक्ष जानने की कोशिश की तो उन्होंने कहा मैं अपने विधानसभा क्षेत्र में दौरे पर था. 5000 लोग वहां थे, मैंने भी 10 मिनट वहां खड़े होकर देखा कि दिव्यांग जो लकवाग्रस्त चल नहीं पा रहे थे मैंने भी देखा कि मालिश करके उन्होंने उन्हें चला दिया था। मुझे भी कुछ चमत्कार जैसा लगा। मुझे भी शुगर है। तो मैं भी चला गया। यहां पांच बार हर आदमी को जाना होगा तब दवा प्रभावी होगी।
बस एक चम्मच शक्कर दी है, कहा पांच बार आना पड़ेगा मैंने कहा सरकारी दवा में खाता हूं इसके खाना से फायदा होगा तो हर्ज़ क्या है। चमत्कारिक तो दिखता है इतनी भीड़ वहां जुटती है। वहां गरीब लोग भी थे, संपन्न भी... सबसे बड़ी बात निशुल्क था। कंबल वाले बाबा का असली नाम गणेश है, वह गुजरात का रहने वाला है। दावा है कि वह 28 साल से इलाज कर रहे हैं। यह भी दावा है कि पहले वह बोल और सुन नहीं सकते थे, भगवान की कृपा से बोलने-सुनने लगे। मंत्री जी 10 साल से शुगर से पीड़ित हैं, फिलहाल उन्होंने चीनी की एक खुराक ली है देखते हैं क्या इससे उनका मर्ज ठीक होता है।