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चेन्नई: तमिलनाडु राजभवन ने विधानसभा के हालिया सत्र को संबोधित न करने के राज्यपाल आरएन रवि के फैसले को सीएम एमके स्टालिन द्वारा ‘‘बचकाना'' बताए जाने की आलोचना करते हुए रविवार को कहा, ‘इस तरह का अहंकार ठीक नहीं हैै।'

अपने अभिभाषण की शुरुआत में राष्ट्रगान नहीं गाए जाने के विरोध में राज्यपाल द्वारा 6 जनवरी को विधानसभा से बहिर्गमन करने के बाद से तमिलनाडु की द्रमुक सरकार और राजभवन में तीखी नोकझोंक हो रही है। तमिलनाडु विधानसभा में परंपरा के अनुसार, सदन की बैठक शुरू होने पर राज्यगान तमिल थाई वल्थु गाया जाता है और अंत में राष्ट्रगान गाया जाता है। हालांकि, राज्यपाल रवि ने इस नियम पर आपत्ति जताई है और कहा है कि राष्ट्रगान दोनों समय गाया जाना चाहिए।

राजभवन ने राज्यपाल के वॉकआउट के बाद एक बयान में कहा, "आज तमिलनाडु विधानसभा में एक बार फिर भारत के संविधान और राष्ट्रगान का अपमान किया गया। राष्ट्रगान का सम्मान करना हमारे संविधान में निहित पहला मौलिक कर्तव्य है।

चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने शनिवार को केंद्र सरकार पर आरोप लगाया कि उसने पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के परिवार को उचित स्थान पर उनके (सिंह के) अंतिम संस्कार के अधिकार से ‘वंचित किया’, जहां बाद में उनका स्मारक बनाया जा सके। उन्होंने इसे दिवंगत नेता की विशाल विरासत और सिख समुदाय का अपमान करार दिया।

मोदी सरकार पर बरसे सीएम स्टालिन

स्टालिन ने ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, "डॉ. मनमोहन सिंह के परिवार को उनके स्मारक के लिए उचित स्थान पर उनका (सिंह का) अंतिम संस्कार करने के अधिकार से वंचित करने का बीजेपी सरकार का फैसला उनकी विशाल विरासत और सिख समुदाय का सीधा अपमान है।"

उन्होंने कहा कि "परिवार के अनुरोध को अस्वीकार करना और दो बार के प्रधानमंत्री का पार्थिव शरीर अंतिम संस्कार के लिए निगमबोध घाट भेजना अहंकार, पूर्वाग्रह और सार्वजनिक स्मृति से उनके विशाल योगदान को मिटाने का जानबूझकर किया गया प्रयास है।"

चेन्नई: तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने सोमवार को आरोप लगाया कि भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी)-नीत केंद्र सरकार के तहत लोकतंत्र सबसे बड़े खतरे का सामना कर रहा है, क्योंकि उसने ‘‘पारदर्शिता को खत्म करने’’ के लिए चुनाव संचालन नियमों में बिना सोचे समझे संशोधन किया है। स्टालिन ने सभी राजनीतिक दलों से ‘‘स्वतंत्र एवं निष्पक्ष चुनाव पर हमले’’ का मुकाबला करने की अपील की।

तमिलनाडु में सत्तारूढ़ द्रविड़ मुन्नेत्र कषगम (डीएमके) के अध्यक्ष स्टालिन ने कहा कि पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय द्वारा चुनाव बूथ का सीसीटीवी फुटेज उपलब्ध कराने के निर्देश के बाद, सरकार सीसीटीवी फुटेज सहित चुनाव दस्तावेजों के सार्वजनिक निरीक्षण को रोकने के लिए संशोधन लेकर आयी है, इस प्रकार ‘‘संविधान की एक बुनियादी विशेषता को नष्ट कर दिया है।’’

उन्होंने सोशल मीडिया मंच ‘एक्स’ पर एक पोस्ट में कहा, ‘‘चुनाव में पारदर्शिता खत्म करने के लिए चुनाव संचालन नियमों की धारा 93(2)(ए) में लापरवाही से संशोधन किए जाने से बीजेपी के नेतृत्व वाली केंद्र सरकार के तहत लोकतंत्र सबसे गंभीर खतरे का सामना कर रहा है।’’

चेन्नई: द्रविड़ मुनेत्र कषगम (डीएमके) अध्यक्ष और तमिलनाडु के मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन की अध्यक्षता में रविवार को यहां हुई पार्टी की कार्यकारिणी समिति की बैठक में बाबासाहेब अंबेडकर की ‘मानहानि’ करने के लिए केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह की कड़ी निंदा की गई। डीएमके ने पारित एक प्रस्ताव में आरोप लगाया कि शाह ने डॉ. अंबेडकर के बलिदान को कलंकित किया है, जो ‘अस्वीकार्य’ है और भारतीय जनता पार्टी (बीजेपी) शासन के तहत संसदीय लोकतंत्र पर एक धब्बा है।

डीएमके ने बीजेपी पर लगाया 'ध्यान भटकाने' का आरोप

डीएमके की कार्यकारी समिति की बैठक में बड़ा राजनीतिक घटनाक्रम देखने को मिला। बैठक में पारित प्रस्ताव में कहा गया, "यह शर्मनाक है कि देश के गृह मंत्री ने लोकतंत्र के मंदिर में इस प्रकार की अपमानजनक बात की। संसद के अंदर और बाहर बीजेपी द्वारा इस मुद्दे से ध्यान भटकाने का नाटक अत्यंत हास्यास्पद है।" पार्टी ने राज्यव्यापी विरोध प्रदर्शन के लिए पार्टी पदाधिकारियों और कार्यकर्ताओं तथा संसद के दोनों सदनों में मंत्री का विरोध करने के लिए सांसदों की सराहना की।

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