चंडीगढ़: पंजाब के मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह शनिवार दोपहर डेढ़ बजे पंजाब भवन में किसान संगठनों से मुलाकात करेंगे। पंजाब में कृषि कानूनों के विरोध में करीब डेढ़ माह से चल रहे आंदोलन के कारण मालगाड़ियों का आवागमन ठप हो चुका है। इसके कारण अब प्रदेश में यूरिया की कमी होने लगी है। किसान संगठनों से बैठक के दौरान मुख्यमंत्री उनसे रेल यातायात की बहाली और यूरिया की सप्लाई के मुद्दे पर चर्चा करेंगे।
किसान संगठन यात्री ट्रेनों से पहले मालगड़ियां चलाने की मांग कर रहे हैं वहीं रेलवे का कहना है कि यात्री गाड़ियों के साथ ही मालगाड़ियों का संचालन किया जाएगा। इससे पहले किसान संगठनों ने यूरिया की उपलब्धता का जिम्मा राज्य सरकार पर डाल दिया था और कहा था कि सरकार ट्रकों के जरिए प्रदेश में यूरिया लाए।
कैप्टन अमरिंदर सिंह ने कहा है कि केंद्र सरकार को उदारता दिखाते हुए मालगाड़ियों की आवाजाही की बहाली को यात्री ट्रेनों से नहीं जोड़ना चाहिए। उन्होंने केंद्र सरकार से किसान आंदोलन को खत्म करने के लिए सुखद माहौल बनाने में राज्य सरकार को सहयोग देने की भी अपील की।
मुख्यमंत्री ने कहा कि केंद्र और प्रदेश सरकारों की साझी जिम्मेदारी है कि रेल सेवा थमने से पैदा हुए संकट को हल करने के लिए रचनात्मक माहौल बनाया जाए। इस संदर्भ में मुख्यमंत्री दिल्ली में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह से भी मिलेंगे।
कैप्टन ने कहा कि मौजूदा स्थिति से राज्य के खजाने को बड़ा घाटा होने के साथ उद्योग और कृषि को नुकसान हो रहा है। उन्होंने कहा कि वह दोनों पक्षों से समस्या का हल ढूंढने के लिए सक्रिय कदम उठाने की अपील करेंगे। मुख्यमंत्री ने कहा कि रेल यातायात लगातार बंद रहने से न सिर्फ पंजाब बल्कि पड़ोसी राज्यों को भी परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
सीएम ने कहा कि यहां तक कि लद्दाख और कश्मीर में फौज भी प्रभावित हुई है, क्योंकि लंबे समय से रेल सेवा ठप होने के कारण आपूर्ति पर गंभीर प्रभाव पड़ा है। कैप्टन ने कहा कि इस स्थिति को तुरंत हल करने की जरूरत है। उन्होंने केंद्र सरकार से रेल यातायात शुरू करने के संबंध में उदारता से विचार करने की अपील की।
बता दें कि पंजाब में किसानों ने फैसला किया है कि केंद्र सरकार पहले मालगाड़ियों की सेवा शुरू करे फिर राज्य में यात्री ट्रेनों के लिए ट्रैक खाली करने पर विचार किया जाएगा। कैप्टन ने कहा कि किसानों को भी यात्रीगाड़ियों को रास्ता देकर हालात सामान्य बनाने में राज्य सरकार की मदद करनी चाहिए, क्योंकि राज्य सरकार ने कृषि कानूनों के खिलाफ लड़ाई में पूरा समर्थन दिया है।