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चंडीगढ़: केंद्र सरकार के तीन कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब के किसानों का दिल्ली कूच कार्यक्रम तय हो गया है। संविधान दिवस (26 नवंबर) को पड़ोसी राज्यों के किसान पांच प्रमुख मार्गों से दिल्ली में घुसेंगे। किसान अमृतसर-दिल्ली राष्ट्रीय राजमार्ग (कुंडली बॉर्डर), हिसार-दिल्ली राजमार्ग  (बहादुरगढ़), जयपुर-दिल्ली राजमार्ग (धारूहेड़ा), बरेली-दिल्ली राजमार्ग (हापुड़), आगरा-दिल्ली राजमार्ग (बल्लभगढ़) पर एकत्रित होकर दिल्ली में प्रवेश करेंगे। यह फैसला चंडीगढ़ स्थित किसान भवन में गुरुवार को संयुक्त किसान मोर्चा की बैठक में लिया गया। वहीं यदि किसानों को किसी स्थान पर रोका गया तो वे वहीं शांतिपूर्वक धरना देकर अपना विरोध जताएंगे। 

किसान भवन में संयुक्त किसान मोर्चा की पहली बैठक सुबह 11.30 बजे शुरू हुई। इसमें पंजाब की 30 किसान जत्थेबंदियों के प्रमुख किसान नेताओं के अतिरिक्त दूसरे राज्यों की भी किसान यूनियनों के प्रतिनिधियों ने भी हिस्सा लिया। मोर्चा के पदाधिकारियों ने दावा किया है कि किसानों के इस आंदोलन को देश भर के 500 से अधिक किसान संगठनों ने समर्थन दिया है।

यातायात उपलब्ध नहीं होने के कारण किसान अपने ट्रैक्टर-ट्रॉली लेकर दिल्ली की ओर कूच करेंगे।  

गुरुवार शाम पांच बजे तक चली बैठक के बाद किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल, सरदार वीएम सिंह ने बताया कि इस संयुक्त किसान मोर्चा की एक ही मांग है कि केंद्र सरकार तीन किसान विरोधी कानूनों और प्रस्तावित बिजली कानून को तत्काल रद्द करे। साथ ही एनसीआर के प्रदूषण के कानून से किसानों को बाहर रखा जाए। देशभर के किसान संगठन इन कानूनों को सिरे से खारिज करते हैं। 

मोर्चे को इनका मिला समर्थन

संयुक्त किसान मोर्चा के प्रतिनिधियों ने बताया कि दिल्ली कूच के इस आयोजन में अखिल भारतीय किसान संघर्ष समन्वय समिति, राष्ट्रीय किसान महासंघ और भारतीय किसान यूनियन (चढूनी) और भारतीय किसान यूनियन (राजेवाल) सहित देश के अनेक अन्य किसान संगठन शामिल होंगे। पंजाब के 30 किसान संगठनों की समन्वय समिति इस कार्यक्रम में जोर-शोर से हिस्सा लेने की घोषणा बुधवार को ही कर चुकी है।

ये किसान नेता करेंगे मोर्चा का संचालन

बैठक में संयुक्त किसान मोर्चा के संचालन और संगठनों के बीच तालमेल के लिए राष्ट्रीय स्तर पर एक सात सदस्य समिति का गठन किया गया। इस समिति में सदस्य के रूप में किसान नेता बलबीर सिंह राजेवाल, सरदार वीएम सिंह, राजू शेट्टी (उनके स्थान पर हन्नान मौल्ला), शिवकुमार कक्काजी, जगजीत सिंह दल्लेवाल, सरदार गुरनाम सिंह चढूनी और योगेंद्र यादव को शामिल किया गया है।

 

 

 

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