चंडीगढ़: केंद्रीय कृषि कानूनों के खिलाफ पंजाब विधानसभा के विशेष सत्र में प्रस्ताव पास होने के बाद आंदोलनरत किसान यूनियनों की बैठक में अहम फैसला लिया गया। 30 किसान संगठनों ने एक राय होकर पांच नवंबर तक मालगाड़ियों के लिए रेलवे ट्रैक खोलने की घोषणा की। हालांकि भाजपा नेताओं के आवास, शॉपिंग मॉल्स और रिलायंस पेट्रोल पंप का किसान रणनीति के तहत घेराव जारी रखेंगे। आगे की रणनीति पर फैसला करने के लिए चार नवंबर को चंडीगढ़ में बैठक बुलाई गई है। 27 अक्तूबर को देशव्यापी बैठक का आयोजन दिल्ली में किया जाएगा।
किसान भवन में बुधवार को आयोजित बैठक के बाद पत्रकार वार्ता के दौरान भारतीय किसान यूनियन के प्रधान बलबीर सिंह राजेवाल, डॉ. दर्शन पाल ने कहा कि बैठक में विचार-विमर्श के बाद यह तय किया गया है कि अभी उनके संघर्ष का पहला पड़ाव है लेकिन राज्य हितों को देखते हुए पांच नवंबर तक रेलवे ट्रैक खोल दिए जाएंगे, ताकि मालगाड़ियों के जरिए राज्य में जरूरी वस्तुओं की आवाजाही हो सके। उन्होंने बताया कि आगे की रणनीति बनाने के लिए आगामी चार नवंबर को चंडीगढ़ के किसान भवन में बैठक का आयोजन किया जाएगा।
यूनियन के पदाधिकारियों ने बताया कि आंदोलन की रणनीति को लेकर 27 अक्तूबर को एक देशव्यापी बैठक का आयोजन दिल्ली में किया जाएगा। बैठक का आयोजन दिल्ली के गुरुद्वारा रकाबगंज साहिब में होगा।
बैठक में पहुंचे कैबिनेट मंत्री
30 किसानों की संगठनों की बैठक में पंजाब सरकार के चार कैबिनेट मंत्री और एक विधायक भी पहुंचे। जहां उन्होंने किसान नेताओं से अलग कमरे में चर्चा की। इनमें कैबिनेट मंत्री तृप्त राजिंदर सिंह बाजवा, सुखजिंदर सिंह रंधावा, सुखबिंदर सिंह सरकारिया, भारत भूषण आशु और विधायक कुलजीत नागरा के साथ मुख्यमंत्री के राजनीतिक सलाहकार कैप्टन संदीप संधु शामिल रहे।
रेल पटरियों की जांच का काम शुरू: डीआरएम
रेल डिवीजन फिरोजपुर के रेल मंडल प्रबंधक राजेश अग्रवाल ने कहा कि बुधवार रात से ही रेल पटरियों की जांच का काम शुरू कर दिया गया है ताकि गुरुवार तक मालगाड़ियां चला दी जाएं। जिन स्टेशनों पर मालगाड़ियां खड़ी हैं, वहां पर लोको पायलट और गार्ड इंजन लेकर जाएंगे।