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चंडीगढ़: सांसद और शिरोमणि अकाली दल अध्यक्ष सुखबीर सिंह बादल ने रविवार को राष्ट्रपति से संसद द्वारा पारित कृषि विधेयकों पर अपनी सहमति नहीं देने और उनसे संसद में पुनर्विचार को दोबारा भेजने की अपील की है। सुखबीर ने आगे कहा कि ये विधेयक पारित होने से लोकतंत्र और देश के लाखों लोगों के लिए दुखद दिन का संकेत होगा। लोकतंत्र का अर्थ आम सहमति है, न कि बहुमत उत्पीड़न। सुखबीर बादल ने यह बयान राज्यसभा से तीन विधेयकों में से दो के पास होने के तुरंत बाद कही।

बता दें कि विपक्ष के हंगामे के बीच राज्यसभा ने रविवार को किसान उत्पाद, व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सुविधा) विधेयक, 2020 और मूल्य आश्वासन और कृषि सेवा विधेयक, 2020 (सशक्तिकरण और संरक्षण) को पारित किया। उन्हें गुरुवार को लोकसभा द्वारा पारित किया गया था। राज्यसभा में एक तीसरा विधेयक पारित होना बाकी है।

 

हरसिमरत ने दिया था इस्तीफा

अकाली दल की सांसद हरसिमरत कौर बादल ने तीन विधेयकों के विरोध में केंद्रीय मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था लेकिन पार्टी सत्तारूढ़ राष्ट्रीय जनतांत्रिक (एनडीए) गठबंधन के साथ बनी हुई है। वहीं पंजाब में किसान तीनों विधेयकों को विरोध कर रहे हैं। किसानों ने आशंका व्यक्त की है कि इन विधेयकों से न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) प्रणाली को समाप्त कर दिया जाएगा। जिससे उन्हें बड़े कॉर्पोरेट की दया पर छोड़ दिया जाएगा। हालांकि केंद्र सरकार ने यह आश्वासन दिया है कि एमएसपी प्रणाली बनी रहेगी। हालांकि इसके बावजूद विरोध जारी है।

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