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चंडीगढ़: पंजाब में करीब 10 बंदूकधारियों ने रविवार सुबह नाभा जेल पर हमला कर आतंकी संगठन खालिस्तान लिबरेशन फोर्स (केएलएफ) के सरगना हरमिंदर सिंह मिंटू और पांच अन्य अपराधियों को भगा ले गए। इस हमले में दो पुलिसवाले घायल हो गए। पंजाब सरकार ने फरार कैदियों का सुराग देने वालों को 25 लाख रुपये इनाम देने की घोषणा की है। एक स्पेशल टास्क फोर्स द्वारा मामले की जांच शुरू कर दी गई है। गृह मंत्रालय ने पंजाब सरकार से इस संबंध में रिपोर्ट मांगी है। पुलिस ने बताया कि पुलिस की वर्दी पहने 10 बंदूकधारी दो कार में सवार होकर जेल के पास पहुंचे और फिर एक गार्ड पर चाकू से हमला कर जबरन जेल के अंदर घुस आए। उन्होंने हवा में और सुरक्षाकर्मियों पर करीब 100 राउंड गोलियां चलाईं और मिंटू सहित पांच अन्य कुख्यात कैदियों को भगा ले गए। पंजाब के पटियाला जिले में नाभा जेल पर हमले और खालिस्तान लिबरेशन फ्रंट (केएलएफ) के चीफ आतंकी हरमिंदर मिंटू समेत 6 कैदियों के फरार होने के मामले में केंद्र सरकार ने पंजाब सरकार से रिपेार्ट मांगी है। वहीं इस मामले में पंजाब सरकार ने आज महानिदेशक (जेल) को निलंबित कर दिया। साथ ही नाभा जेल के अधीक्षक एवं उपाधीक्षक को बर्खास्त कर दिया। इस घटना की जांच एक विशेष टीम को सौंपी गई है। जेल ब्रेक मामले पर डिप्टी सीएम सुखबीर सिंह बादल ने जहां पाकिस्तान के हाथ होने की आशंका जाहिर की है वहीं कांग्रेस के कैप्टन अमरिंदर सिंह ने पंजाब सरकार के हाथ होने के गंभीर आरोप लगाए हैं।

नाभा जेल पर हमले और 6 कैदियों के फरार होने के बाद एक आपात बैठक बुलाई है। इसके अलावा गृह विभाग का प्रभार संभाल रहे उपमुख्यमंत्री सुखबीर बादल ने संवाददाताओं से कहा, महानिदेशक (जेल) को निलंबित कर दिया गया है, जेल अधीक्षक एवं उपाधीक्षक बर्खास्त कर दिए गए हैं। भागे कैदियों का पता लगाने के लिए एक तलाशी अभियान छेड़ा गया है तथा इस काम के लिए एक विशेष कार्यबल गठित किया गया है। विशेष जांच दल को तीन दिन में रिपोर्ट देनी होगी। नाभा जेल से भागे अपराधियों की धर पकड़ के दौरान रविवार को पुलिस गोलीबारी में गलती से एक लड़की के मारे जाने की खबर है। खबरों के मुताबिक पटियाला पुलिस ने समराला नाका के करीब एक कार के नहीं रुकने के बाद उसमें बैठे लोगों पर गोली चला दी। इस गोलीबारी में कार में बैठी 24 वर्षीय रीना नाम की एक लड़की की मौत हो गई। कार में एक बैंड पार्टी के लोग बैठे थे। पंजाब के पटियाला स्थित नाभा जेल पर आज सुबह करीब 9 बजे 10 अज्ञात बंदूकधारियों ने हमला कर दिया। इस हमले में वे खालिस्तान लिबरेशन फोर्स के सरगना हरमिंदर मिंटू को छुड़ाकर ले गए। इस हमले में कुल 6 लोग फरार हो गए। इनमें दो आतंकी बताए जाते हैं। रविवार सुबह 10 हथियारबंद लोग पुलिस की वर्दी में नाभा जेल में घुस आए और करीब 200 राउंड गोलियां चलाईं। इसी बीच हरमिंदर मिंटू के साथ गुरप्रीत सिंह, विक्की गोंदरा, नितिन देओल, विक्रमजीत सिंह विक्की फरार हो गए। पुलिस ने बताया कि पुलिस की वर्दी में आए युवकों के एक समूह ने जेल पर हमला किया और अंधाधुंध गोलीबारी की।उन्होंने बताया कि जेल से एक खूंखार आतंकवादी मिंटू सहित पांच कैदी भाग गए। 49 वर्षीय मिंटू को पंजाब पुलिस ने 2014 में दिल्ली स्थित इंदिरा गांधी अंतरराष्ट्रीय हवाईअडडे से पकड़ा था। उसे सिरसा स्थित डेरा सच्चा सौदा के प्रमुख गुरमीत राम रहीम सिंह पर 2008 में हुए हमले तथा 2010 में हलवाड़ा वायुसेना स्टेशन में विस्फोटक मिलने सहित 10 मामलों के सिलसिले में गिरफ्तार किया गया था। इसके अलावा पंजाब में शिवसेना के तीन नेताओं की हत्या की साजिश रचने के केस में भी वह वांछित था। खालिस्तान लिबरेशन फोर्स का सरगना बनने से पहले मिंटू बब्बर खालसा का आतंकी था। बब्बर खालसा से अलग होने के बाद मिंटू पाकिस्तान की खुफिया एजेंसी आईएसआई से ट्रेनिंग ले चुका है। भारतीय सुरक्षा एजेंसियों का कहना है कि उसके संगठन को आईएसआई से फंड भी मिलता रहा है। वह कई बार पाकिस्तान जा चुका है। आईएसआई के पैसों पर ही हरमिंदर 2010 और 2013 में यूरोप गया। वहां इटली, बेल्जियम, जर्मनी, फ्रांस और दूसरे देशों में उसने वैसे लोगों से संपर्क साधा जो भारत में आतंकी गतिविधियों के लिए सहयोग दे सकते थे। 2013 में वह पहले पाकिस्तान गया था और उसके बाद यूरोप गया। 2014 में जब उसे दिल्ली के आईजीआई एयरपोर्ट से गिरफ्तार किया गया तब वह मलेशिया के नकली पासपोर्ट पर सफर कर रहा था। पासपोर्ट में उसका नाम गुरदीप सिंह था। मिंटू के बारे में बताया जाता है कि यूरोप के अलावा उसने दक्षिण पूर्व एशिया के देश, कंबोडिया, लाओस, म्यांमार और थाइलैंड में उसने संगठन का जाल फैला रखा है। पहले वह थाइलैंड से अपने ऑपरेशन को अंजाम देता था। 1970 के दशक में पंजाब में जनरैल सिंह भिंडरावाले के नेतृत्व में खालिस्तान की मांग उठी। अगले कुछ सालों में अलग खालिस्तान की मांग पर राज्य भर में हिंसक प्रदर्शन शुरू हुए। 1980 के दशक में अलग सिख प्रदेश की मांग को लेकर पंजाब में कई आतंकी संगठन सक्रिय हुए जिसमें भिंडरावाले टाइगर फोर्स ऑफ खालिस्तान, खालिस्तान जिंदाबाद फोर्स, बब्बर खालसा इंटरनेशनल, खालिस्तान टाइगर फोर्स, खालिस्तान कमांडो फोर्स, खालिस्तान लिबरेशन फोर्स जैसे संगठन शामिल थे। इन संगठनों के बड़े आतंकी विदेशों में रहकर यहां भारत में आतंक फैलाते हैं। आपको बता दें कि 2014 में ही मिंटू के अलावा सबसे बड़े सिख आतंकवादी गिरोह बब्बर खालसा के चीफ रतनदीप सिंह को गिरफ्तार किया गया था।

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