पटना: बिहार में एक संदिग्ध आतंकी मॉड्यूल के भंडाफोड़ के बारे में जानकारी देते हुए पीएफआई और आरएसएस के बीच कथित तुलना को लेकर विवाद में घिरे एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो ने इस मामले में स्पष्टीकरण दिया है। गौरतलब है कि बिहार भाजपा के कुछ नेताओं ने एसएसपी की टिप्पणी की आलोचना की थी। बहरहाल इस मामले में सफाई देते हुए ढिल्लो ने शुक्रवार को कहा, "मेरी कही बात की गलत तरीके से व्याख्या की गई। मैं पहले ही यह स्पष्ट कर चुका हूं।
दरअसल कल प्रेस कॉन्फ्रेंस में एक पत्रकार ने सवाल किया था कि इस इस ग्रुप (पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया या पीएफआई) की कार्यशैली क्या है। हमारे पास जो डाक्यूमेंट आए हैं और जो इंट्रोग्रेशन रिपोर्ट राइटिंग और रिकॉर्डिंग में है ओर जो कोर्ट के समक्ष भी पेश की गई है, उसमें एक संस्था का नाम लेते हुए इस कार्यशैली का जिक्र किया गया था। यह बताया गया था कि यह कार्यशैली वे अपना रहे थे। इसमें किसी भी तरह से दो संगठनों की तुलना करने का कोई उद्देश्य नहीं था और यह निरर्थक बात है।"
गौरतलब है कि बिहार पुलिस ने एक संदिग्ध आतंकी मॉड्यूल का भंडाफोड़ करते हुए चरमपंथी संगठन पॉपुलर फ्रंट ऑफ इंडिया (पीएफआई) से जुड़े तीन लोगों को गिरफ्तार किया है। इस मामले को लेकर एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान पटना के एसएसपी मानवजीत सिंह ढिल्लो का बयान सुर्खियों में आया था और इसके लिए भाजपा के कुछ नेताओं ने इस पुलिस अधिकारी ने आलोचना की थी।
मानवजीत सिंह ढिल्लो ने कहा था, 'जिस तरह आरएसएस की शाखा में शारीरिक प्रशिक्षण दिया जाता है, वैसे ही पीएफआई में भी फिजिकल ट्रेनिंग दी जा रही थी।' एसएसपी ने कहा कि जिस तरह आरएसएस अपनी शाखा का आयोजन करते हैं जिसमें लाठी चलाने की ट्रेनिंग दी जाती है, वैसे ही पीएफआई शारीरिक प्रशिक्षण के नाम पर युवाओं को ट्रेनिंग दे रहे थे और अपने एजेंडा और प्रोपगैंडा के तहत युवाओं का ब्रेनवॉश कर रहे थे। एसएसपी के इस बयान को लेकर भाजपा के गिरिराज किशोर सहित कुछ नेताओं ने तीखे तेवर दिखाए थे। बिहार से भाजपा के एक वरिष्ठ नेता और केन्द्रीय मंत्री गिरिराज सिंह ने ट्वीट कर कहा था,”आरएसएस मतलब राष्ट्र प्रेम..आरएसएस मतलब राष्ट्र कल्याण..आरएसएस मतलब देश सेवा..आरएसएस मतलब जनकल्याण ..आरएसएस मतलब मानवता और सौहार्द्र..आरएसएस मतलब संविधान के हिमायती। देश और दुनिया का हर समझदार व्यक्ति इस बात को जानता है, सिवाय कुछ "एजेंडावादियों और तुष्टिकरण" के पैरोकारों के।”