पटना: बिहार विधान परिषद के स्थानीय निकाय कोटे की 24 सीटों के चुनाव परिणाम सामने आने पर बदले हुए सियासी समीकरण में एक बार फिर एनडीए की बढ़त बरकरार रही। 2015 के एमएलसी चुनाव की तुलना में इस बार समीकरण थोड़ा बदला हुआ रहा। पिछले विधान परिषद की 24 सीटों के चुनाव में कांटे की टक्कर में जहां महागठबंधन जदयू-राजद व कांग्रेस को कम सीटों से संतोष करना पड़ा था, वहीं एनडीए को बढ़त मिली थी।
इस बार भी एनडीए को बढ़त मिली है, लेकिन अभी एनडीए में जदयू-भाजपा व रालोजपा शामिल हैं, जबकि महागठबंधन में राजद व भाकपा हैं। कांग्रेस ने अकेले चुनाव लड़ा था। इस बार मुख्य मुकाबले में एनडीए व राजद-भाकपा गठबंधन ही रहा। वर्ष 2015 के चुनाव में राजद सुप्रीमो लालू प्रसाद के गढ़ छपरा, सीवान व गोपालगंज की सीटों पर भाजपा ने कब्जा जमाया था। इस बार गोपालगंज में भाजपा तो सीवान में राजद ने जीत दर्ज की है।
वहीं, छपरा से भाजपा के पिछली बार उम्मीदवार रहे सच्चिदानंद राय ने दोबारा जीत हासिल की, लेकिन वह निर्दलीय प्रत्याशी के रुप में चुनाव लड़े थे। दूसरी ओर, 2015 के चुनाव में जदयू-राजद व कांग्रेस महागठबंधन के उम्मीदवारों ने बेगूसराय, मुजफ्फरपुर व गया की सीटों पर एनडीए उम्मीदवारों को कड़ी टक्कर दी थी। इनमें बेगूसराय में भाजपा के रजनीश कुमार व महागठबंधन की ओर से जदयू की मनोरमा देवी गया व दिनेश सिंह मुजफ्फरपुर में विजयी रहे थे। हालांकि, इस बार के चुनाव में बेगूसराय में कांग्रेस आगे चल रही है, जबकि मुजफ्फरपुर में एनडीए के तहत जदयू ने दोबारा जीत दर्ज की है। गया में राजद के कुमार नागेंद्र को सफलता मिली। वहां उन्होंने जदयू की मनोरमा देवी को हराया।
1978 से 2002 के बीच नहीं हुआ था चुनाव
बिहार में स्थानीय निकाय कोटे की 24 सीटों पर 1978 से 2002 के बीच चुनाव नहीं होने से एमएलसी निर्वाचित नहीं हो सके थे। 2015 के चुनाव के पूर्व एमएलसी चुनाव को लेकर मामला हाईकोर्ट पहुंच गया था। हाईकोर्ट ने चुनाव आयोग को द्विवार्षिक प्रणाली के तहत 24 के बजाय 8 सीटों पर चुनाव कराने को कहा। आयोग इसके खिलाफ सुप्रीम कोर्ट गया। कोर्ट ने चुनाव तो सभी सीटों पर कराने को कहा, लेकिन कार्यकाल तय करने का रास्ता तलाशने का भी सुझाव दे दिया। कार्यकाल कैसे तय हो यह मामला सुप्रीम कोर्ट में लंबित है। बिहार के संदर्भ में कोर्ट का आदेश यूपी की भी राह तय करेगा।
राजद को भी विधान परिषद में बढ़त
राजद ने विधान परिषद चुनाव में बढ़त हासिल हुई है। राजद ने पिछले चुनाव की तुलना में दो सीटें अधिक प्राप्त की है। पिछले चुनाव में राजद को चार सीटें हासिल हुई थीं, जबकि इस बार उसे छह सीटें मिली हैं। राजद के विधान परिषद में वर्तमान में पांच सदस्य हैं। छह नये सदस्यों के जीत दर्ज करने के बाद विधान परिषद में राजद के सदस्यों की संख्या बढ़कर 11 हो गयी है। वहीं, कांग्रेस ने स्थानीय प्राधिकार कोटे की एक सीट पिछले चुनाव में जीती थी। इस बार, भी कांग्रेस ने एक सीट हासिल की है। कांग्रेस को इस चुनाव में पूर्व में जीते हुए सीट की हानि नहीं हुई है।
विधान परिषद चुनाव रिजल्ट
1.पटना - कार्तिक कुमार(राजद) - जीते
2.मुज़फ्फरपुर - दिनेश सिंह(जदयू ) - जीते
3.गोपालगंज - राजीव सिंह (बीजेपी) - जीते
4.नालंदा - रीना यादव (जदयू) - जीते
5.आरा - राधा चरण शाह (जदयू ) -जीते
6.नवादा - अशोक यादव (निर्दलीय) - जीते
7.सिवान - बिनोद जयसवाल (राजद) -जीते
8.औरंगाबाद. - दिलीप सिंह (बीजेपी) - जीते
9.पूर्णिया. - दिलीप जयसवाल (बीजेपी) -जीते
10. वैशाली. - भूषण राय (लोजपा, पा.). -जीते
11.समस्तीपुर - डॉ तरुण कुमार (बीजेपी) -जीते
12. बेतिया. - ई. सौरभ (राजद ) - आगे
13. भागलपुर-बांका- विजय कुमार सिंह (जेडीयू)-जीते
14.सीतामढ़ी - रेखा देवी ( जदयू ) - आगे
15. मुंगेर - अजय सिंह (राजद). -जीते
16. सहरसा - श्रीमती नूतन सिंह (बीजेपी) - टक्कर
17. दरभंगा - सुनील चौधरी ( बीजेपी ) - आगे
18.कटिहार - अशोक अग्रवाल (बीजेपी) -जीते
19. बक्सर - राधा चरण शाह (जदयू ) - आगे
20. गया - रिंकू यादव (राजद) - जीते
21.खगड़िया-बेगुसराय - राजीव कुमार (कांग्रेस) -जीते
22.मधुबनी - अम्बिका यादव (निर्दलीय) -जीते
23.कैमूर - संतोष कुमार (बीजेपी) -जीते
24.छपरा (सारण)-सच्चिदानंद राय (निर्दलीय)-जीते