पटना: बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की सुरक्षा में आज गंभीर चूक का मामला देखने को मिला। उनके गृहनगर बख्तियारपुर में एक शख्स ने उन पर हमला कर दिया। सूत्रों ने कहा कि सीसीटीवी कैमरे में कैद हुए व्यक्ति को गिरफ्तार कर लिया गया है और फिलहाल वह पुलिस हिरासत में है। हमला करने पर पुलिस कर्मियों ने आरोपी को पीटना शुरू कर दिया। इस पर मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने उन्हें रोका और कहा कि मारो नहीं, पहले पूछो दिक्कत क्या है।
सीसीटीवी कैमरों के फुटेज में हमला उस समय होता दिख रहा है जब मुख्यमंत्री एक स्थानीय अस्पताल के परिसर में राज्य के एक स्वतंत्रता सेनानी शीलभद्र याजी की प्रतिमा के समक्ष उन्हें श्रद्धांजलि देने वाले थे।
पीछे से आए व्यक्ति को तेज कदमों से मंच पर चढ़ते हुए और नीतीश कुमार की पीठ पर वार करते देखा गया। सुरक्षाकर्मियों ने उसे तुरंत खींच लिया। एक अन्य वीडियो में हमला करने वाला शख्स पुलिस द्वारा ले जाते हुए दिख रहा है।
आरोपी का नाम शंभू उर्फ छोटू बताया गया है। उसकी सोना-चांदी की दुकान है। वह बख्तियारपुर के अबू महमद पुर का रहने वाला है। उस पर मामला भी दर्ज है। पुलिस उससे पूछताछ कर रही है।
पटना पुलिस द्वारा की गई प्रारंभिक जांच में पता चला है कि नीतीश कुमार पर हमला करने वाला शंभू कुमार मानसिक रूप से अस्थिर है। उसे परिवार के सदस्यों द्वारा उसे आवास तक ही सीमित रखा गया था। घटना के दौरान चूंकि परिवार के अधिकांश पुरुष सदस्य बाहर थे, इसलिए उसने किसी तरह चुपके से घर से निकलकर हमला किया। उसके बारे में कई जानकारियों को कन्फ़र्म और क्रॉस चेक किया जा रहा है। हालांकि पुलिस उसके बारे में कुछ भी कहे, लेकिन यह मुख्यमंत्री की सुरक्षा में चूक तो है ही। वरिष्ठ मंत्री अशोक चौधरी ने माना है कि सुरक्षा में चूक हुई है। उन्होंने दोषी अधिकारियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की मांग की है।
मुख्यमंत्री नीतीश कुमार इन दिनों अपने पुराने लोकसभा क्षेत्र के विभिन्न इलाकों का दौरा कर रहे हैं। कुमार 1989 से 1999 तक बाढ़ लोकसभा क्षेत्र से पांच बार चुने गए।
नीतीश कुमार पर इससे पहले नवंबर 2020 में हमला किया गया था। यह हमला तब हुआ था जब वे बिहार के मधुबनी में विधानसभा चुनावों के लिए प्रचार कर रहे थे।
नीतीश कुमार हरलाखी में एक रैली में नौकरियों की बात कर रहे थे। इस दौरान भीड़ में से उनपर प्याज फेंका गया था। उनके सुरक्षाकर्मियों ने तुरंत दौड़कर उनके चारों ओर एक सुरक्षा कवच बना लिया था। तब मुख्यमंत्री ने गुस्से में कहा था कि "खूब फ़ेको, ख़ूब फ़ेको, ख़ूब फ़ेको।"
लेकिन जब हमलावर को सुरक्षाकर्मियों ने पकड़ लिया, तो नीतीश कुमार ने कहा, "उसे जाने दो, उस पर ध्यान मत दो।"
विपक्ष के नेता तेजस्वी यादव ने हमले की निंदा की और लोगों से लोकतांत्रिक तरीकों से विरोध करने का आह्वान किया।