ताज़ा खबरें
हेमंत सोरेन ने पेश किया सरकार बनाने का दावा, 28 को लेंगे शपथ

नई दिल्ली: उत्तर प्रदेश में विधानसभा चुनावों के लिए मतदान शुरू होने में कुछ हफ्ते बचे हैं। राजनीतिक पार्टियां अपने उम्मीदवारों के नामों का एलान कर रही हैं। ऐसे में कई दिलचस्प समीकरण निकलकर आ रहे हैं। चुनावी बुखार जोरों पर है। महाराष्ट्र की पार्टी शिवसेना भी यहां उम्मीदवार उतारने की बात कर रही है। लेकिन एक चौंकाने वाली खबर जनता दल यूनाइटेड (जेडीयू) को लेकर है। दरअसल, जानकारी मिल रही है कि पड़ोसी राज्य बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की पार्टी जेडीयू भी यूपी चुनाव में अपने उम्मीदवार उतार रही है। भाजपा नीत एनडीए के सहयोगी और बिहार में भाजपा के सहयोग से गठबंधन की सरकार चला रहे नीतीश कुमार यूपी में अपनी पार्टी के उम्मीदवारों के लिए कैंपेनिंग भी कर सकते हैं।

दरअसल, भाजपा को झटका देते हुए जेडीयू ने यूपी में अपने उम्मीदवार अलग से उतारने का एलान किया है। आज मंगलवार को लखनऊ में इसकी घोषणा भी हो सकती है। जेडीयू के पास यूपी में कोई चुनावी जमीन नहीं है।

साथ ही यहां ये बात भी याद करना चाहिए कि साल 2019 में कैसे झारखंड विधानसभा चुनावों में पार्टी ने कुछ सीटों पर अपने कैंडिडेट्स उतारे थे, लेकिन नीतीश कुमार ने वहां भी कैंपेनिंग नहीं की थी। अब जब भाजपा बिहार में काफी मजबूत हो चुकी है, ऐसे में यूपी में उनका एनडीए से अलग कैंडिडेट्स उतारना दिलचस्प है।

खासकर, तब जब बिहार भाजपा और जेडीयू के बीच में पिछले दिनों नोंक-झोंक की खबरें आई हैं। दरअसल, बिहार सरकार में गठबंधन के सहयोगी कुछ मुद्दों को लेकर एक दूसरे से उलझे हुए हैं। शराबबंदी, जातिगत जनगणना और सम्राट अशोक के बारे में भाजपा के एक पूर्व सदस्य की विवादित टिप्पणी को लेकर दोनों पार्टियों के बीच तूत-मैंमैं हुई है। अभी सोमवार को ही बिहार भाजपा अध्यक्ष डॉक्टर संजय जायसवाल ने कहा था कि 'सहयोगियों के बीच सीधी बातचीत होनी चाहिए। अगर ट्विटर-ट्विटर खेलेंगे तो 76 लाख भाजपा कार्यकर्ता इसका जवाब देना अच्छे से जानते हैं।'

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख