इंदौर: मध्य प्रदेश में अब तक कोरोना के 2165 मामले सामने आए हैं और 110 लोगों की मौत हो गई है। इंदौर में 1207 मामले और 60 मौतें दर्ज की गई हैं जबकि भोपाल में 428 मामले और 12 मौतें हुई हैं। इस बात की जानकारी राज्य के स्वास्थ्य विभाग ने दी।
कोरोना मरीजों पर परखी जाएगी प्लाज्मा थेरेपी
देश में कोरोना वायरस संक्रमण के प्रकोप से सबसे ज्यादा प्रभावित जिलों में शामिल इंदौर का एक और अस्पताल इस महामारी के गंभीर मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी के परीक्षण की तैयारी कर रहा है। यह परीक्षण भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (आईसीएमआर) की निगरानी में किया जाना है।
शासकीय महाराजा यशवंतराव चिकित्सालय (एमवाईएच) के ट्रांसफ्यूजन मेडिसिन विभाग के प्रमुख डॉ. अशोक यादव ने सोमवार को बताया, 'सब कुछ योजना के मुताबिक रहा, तो हम इसी हफ्ते शासकीय मनोरमा राजे टीबी (एमआरटीबी) चिकित्सालय के मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी का क्लीनिकल ट्रायल (परीक्षण) शुरू कर देंगे। फिलहाल इस अस्पताल में कोविड-19 के ही मरीजों का इलाज चल रहा है।'
उन्होंने बताया कि कोविड-19 के मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी के परीक्षण के लिए कई वैश्विक चिकित्सा संस्थान जुटे हैं। भारत में इसके लिए आईसीएमआर के साथ काम कर रहे चुनिंदा अस्पतालों में एमवाईएच शामिल है। यादव ने कहा, 'शुरूआत में हम गंभीर हालत वाले छह से आठ मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी के परीक्षण के बारे में विचार कर रहे हैं। इसके लिये मरीजों की पहचान की जा रही है।'
उन्होंने बताया कि वैज्ञानिक अनुसंधान से जुड़े इस परीक्षण में भाग लेकर अपना प्लाज्मा दान करने के लिये तीन लोग आये हैं जिनमें एमवाईएच के दो डॉक्टर और इस सरकारी अस्पताल के ब्लड बैंक का एक तकनीशियन शामिल हैं। ये तीनों लोग इलाज के बाद कोरोना वायरस के संक्रमण से मुक्त हो चुके हैं जिनमें एक महिला डॉक्टर भी है। यादव, एमवाईएच के ब्लड बैंक के निदेशक भी हैं।
उन्होंने कहा, 'हम अंतरराष्ट्रीय मापदंडों पर आईसीएमआर के मार्गदर्शन में यह परीक्षण करेंगे और इसके परिणामों को प्रकाशित कर वैश्विक मेडिकल समुदाय को इनसे अवगत करायेंगे ताकि कोरोना वायरस के खिलाफ जारी जंग में मदद कर सके।'
इंदौर जिले में अब तक कोविड-19 के 1,207 मरीज
आधिकारिक जानकारी के मुताबिक इंदौर जिले में अब तक कोविड-19 के 1,207 मरीज मिल चुके हैं और इनमें से 60 लोगों की इलाज के दौरान मौत हो चुकी है। इलाज के बाद स्वस्थ होने पर 123 मरीजों को अस्पतालों से छुट्टी दी जा चुकी है। आंकड़ों के विश्लेषण के मुताबिक इंदौर जिले में कोविड-19 के मरीजों की मरीजों की मृत्यु दर पिछले कई दिन से राष्ट्रीय औसत से ज्यादा बनी हुई है। इंदौर के निजी क्षेत्र का श्री अरबिंदो इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज (सैम्स) पहले ही घोषणा कर चुका है कि वह कोविड-19 के तीन गंभीर मरीजों पर प्लाज्मा थेरेपी का प्रयोग कर रहा है।
जानकारों ने बताया कि कोविड-19 से पूरी तरह उबर चुके लोगों के खून में 'एंटीबॉडीज' बन जाती हैं जो भविष्य में इस बीमारी से लड़ने में उनकी मदद करती हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना वायरस संक्रमण से मुक्त हुए व्यक्ति के खून से प्लाज्मा अलग किया जाता है। फिर इस स्वस्थ व्यक्ति के प्लाज्मा को महामारी से जूझ रहे मरीज के शरीर में डाला जाता है ताकि उसे संक्रमण मुक्त होने में मदद मिल सके।
मध्यप्रदेश में प्रतिदिन बन रहीं 12,000 पीपीई किट: अधिकारी
मध्यप्रदेश सरकार ने दावा किया है कि कोरोना वायरस से जंग लड़ने में मदद कर रहे कोविड-19 योद्धाओं के लिए प्रदेश में प्रतिदिन 12,000 पीपीई (व्यक्तिगत सुरक्षा उपकरण) किट बनाई जा रही हैं, जबकि राज्य में प्रतिदिन 10,000 पीपीई किटों की आवश्यकता है। मध्यप्रदेश जनसंपर्क विभाग की एक विज्ञप्ति में कहा गया है, प्रदेश में पीपीई किट आवश्यकता से अधिक मात्रा में उपलब्ध हैं। प्रदेश में प्रतिदिन 10,000 पीपीई किटों की आवश्यकता है, जबकि प्रतिदिन 12,000 किट बनाई जा रही हैं।
मध्य प्रदेश औद्योगिक विकास केन्द्र के प्रबंध संचालक कुमार पुरूषोत्तम ने बताया कि अभी तक डेढ़ लाख पीपीई किट बनाई जा चुकी हैं। इनमें से इंदौर और भोपाल में लगभग 75-75 हजार किट भेजी गई हैं। उन्होंने बताया कि इंदौर में दानदाता बड़ी संख्या में पीपीई किट की आपूर्ति के लिए आगे आ रहे हैं पुरूषोत्तम ने कहा कि भोपाल और इंदौर में लगभग 40,000 पीपीई किट अभी स्टॉक में उपलब्ध हैं और इन्हें आवश्यकतानुसार विभिन्न जिलों में भेजा जा रहा है।