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भोपाल: मध्य प्रदेश में विधायकों की खरीद-फरोख्त के आरोपों के बीच कांग्रेस के सूत्रों ने शुक्रवार (6 मार्च) को कहा कि भाजपा के विधायक संजय पाठक के कांग्रेस में शामिल होने की संभावना है। कांग्रेस भाजपा को उसी के दांव में फंसाकर बाजी जीतने की तैयारी कर रही है। सूत्रों ने कहा कि उनके कांग्रेस में शामिल होने को उच्चतम स्तर पर मंजूरी दे दी गई है और पार्टी में शामिल होने के उनके पहले प्रयासों को राज्य के कुछ वरिष्ठ नेताओं ने धूमिल कर दिया था। मध्य प्रदेश में तीन सीटों के लिए 26 मार्च को राज्यसभा चुनाव होने हैं।

संजय पाठक के पिता सत्येंद्र पाठक जबलपुर में जिला कांग्रेस अध्यक्ष थे और वह राज्य में दिग्विजय सिंह सरकार में मंत्री भी रह चुके हैं। पार्टी सूत्रों ने कहा कि कांग्रेस के वरिष्ठ नेता दिग्विजय सिंह और मुख्यमंत्री कमलनाथ भाजपा विधायकों को अपने पाले में करने के लिए संयुक्त तौर पर मोर्चा संभाले हुए हैं। इसके लिए दोनों नेता राज्य की राजधानी भोपाल में डेरा डाले हुए हैं और असंतुष्ट भाजपा विधायकों पर नजर गड़ाए हुए हैं। दिग्विजय सिंह ने कहा, “संजय पाठक मेरे दोस्त सत्येंद्र पाठक के बेटे हैं। भाजपा में शामिल होने के बाद संजय को गुमराह किया गया।”

एक वरिष्ठ नेता ने कहा, “यह दिग्विजय और कमलनाथ द्वारा संचालित एक 'जैसे को तैसा' फॉर्मूला है, जो राज्य सरकार को अस्थिर करने के लिए भाजपा की मंशा का मुकाबला करने वाला कदम है।” हालांकि संजय पाठक ने कांग्रेस में शामिल होने की खबर को खारिज किया है। उन्होंने कहा, “भाजपा में था, भाजपा में हूं और भाजपा में रहूंगा।”

दिग्विजय ने शुक्रवार (6 मार्च) को इन खबरों को खारिज कर दिया कि पार्टी विधायक हरदीप सिंह डांग ने इस्तीफा दे दिया है। साथ ही उन्होंने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री उनसे बात करेंगे। जिन विधायकों का कोई अता-पता नहीं है, उनके बारे में उन्होंने कहा कि वे वापस आएंगे। सिंह ने कहा, “और कहां जाएंगे।”

कांग्रेस के एक नेता ने कहा कि उनकी पार्टी भाजपा के तीन विधायकों को अपने पाले में करने में कामयाब रही है और सात से अधिक विधायक उनके संपर्क में हैं। भाजपा ने हालांकि इस तरह की खबरों को नकारते हुए कहा है कि यह राज्यसभा चुनाव के लिए मामूली समस्याएं हैं। दो दिन पहले दिग्विजय सिंह ने आरोप लगाया था कि भाजपा द्वारा उसके विधायकों को तोड़ने के लिए कांग्रेस विधायकों को बड़ी रकम दी जा रही है।

गुरुवार (5 मार्च) देर रात मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भाजपा के तीन विधायकों शरद कौल, संजय पाठक और नारायण त्रिपाठी से मुलाकात की। कहा जा रहा है कि इस बैठक के बाद मैहर के विधायक नारायण त्रिपाठी ने अपनी विधानसभा सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। हालांकि त्रिपाठी ने अभी तक इस्तीफा देने से इनकार किया है। उनके सत्तारूढ़ कांग्रेस में शामिल होने की संभावना है।

230 सदस्यीय मध्य प्रदेश विधानसभा में कांग्रेस के 114 विधायक हैं, वहीं भाजपा के पास 107 विधायक हैं। राज्य में बहुमत का जादुई आंकड़ा 116 है।

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