राजगढ़: नागरिकता संशोधन कानून को लेकर देश भर में चल रहे विरोध-प्रदर्शन के साथ-साथ समर्थन का सिलसिला भी जारी है। मध्यप्रदेश में भाजपा कार्यकर्ताओं ने सीएए के समर्थन में रविवार को राजगढ़ में बीच सड़क पर प्रदर्शन किया। प्रदर्शन के दौरान उन्हें रास्ते से हटाने पहुंचे प्रशासन के अधिकारियों के साथ उनकी झड़प हो गई। प्रदर्शनकारियों को रोकने और रास्ता खाली कराने मौके पर राजगढ़ की डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा पुलिस बल के साथ पहुंची।
पुलिस बल प्रदर्शनकारियों को रोकने की कोशिश कर रहा था और बीचे रास्ते में प्रदर्शन कर रहे लोगों को वहां से हटा रहा था। इसी दौरान डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा एक प्रदर्शनकारी को थप्पड़ मारने लगीं। इसी बीच भीड़ में किसी प्रदर्शनकारी ने डिप्टी कलेक्टर प्रिया वर्मा के बाल खींच दिए। इस घटना के कुछ वीडियो भी वायरल हो रहे हैं। भाजपा ने अधिकारियों द्वारा सीएए के समर्थकों को पीटे जाने पर कहा कि आज का दिन लोकतंत्र के सबसे काले दिनों में गिना जायेगा।
वहीं इस मामले को लेकर प्रदेश के पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कई ट्वीट कर कमलनाथ सरकार पर निशाना साधा। उन्होंने ट्वीट किया, प्रदेश में शासन-प्रशासन द्वारा कांग्रेस सरकार की चाटुकारिता के नये आयाम गढ़े जा रहे हैं! सरकार के तुगलकी फरमानों पर अमल में कौन रेस में पहले आता है, इसकी होड़ लगी है! कुछ अधिकारी भूल गए हैं कि वे किसी पार्टी के हुक्म बजाने के लिए नहीं बल्कि जनता की सेवा हेतु पद पर हैं।
शिवराज सिंह ने आगे लिखा, आज का दिन लोकतंत्र के सबसे काले दिनों में गिना जायेगा। आज राजगढ़ में डिप्टी कलेक्टर साहिबा ने जिस बेशर्मी से सीएए के समर्थन में प्रदर्शन कर रहे कार्यकर्ताओं को लताड़ा, घसीटा और चांटे मारे, उसकी निंदा मैं शब्दों में नहीं कर सकता। क्या उन्हें प्रदर्शनकारियों को पीटने का आदेश मिला था? कलेक्टर मैडम, आप यह बताइए कि कानून की कौन सी किताब आपने पढ़ी है जिसमें शांतिपूर्ण प्रदर्शन कर रहे नागरिकों को पीटने और घसीटने का अधिकार आपको मिला है? सरकार कान खोलकर सुने ले, मैं किसी भी कीमत पर मेरे प्रदेशवासियों के साथ इस प्रकार की हिटलरशाही बर्दाश्त नहीं करूंगा!