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नई दिल्ली: मध्य प्रदेश विधानसभा में टिकट बंटवारा कांग्रेस के लिए मुसीबत बनता जा रहा है। प्रदेश के दो दिग्गज नेता अपने अपने नेताओं की जोरदार पैरवी में लगे हुए हैं। मीडिया रिर्पोटस में सूत्रों के हवाले से खबर जारी हुई कि बुधवार देर रात हुई कांग्रेस की केंद्रीय चुनाव समिति की बैठक के दौरान पार्टी अध्यक्ष राहुल गांधी के सामने ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के बीच जमकर बहस हुई। सूत्रों ने बताया कि अपने अपने उम्मीदवारों की वकालत करते हुए ज्योतिरादित्य सिंधिया और दिग्विजय सिंह के बीच गर्मागर्म बहस हो गयी। हालांकि इसके एक दिन ही बाद ज्योतिरादित्य सिंधिया ने ट्वीट कर ऐसी खबरों का खंडन किया है।

उन्होंने कहा है कि मीडिया में मेरे और श्री दिग्विजय सिंह जी के बीच आ रही बहस की खबरें निराधार और झूठी हैं। कांग्रेस के सभी लोग एक होकर प्रदेश से इस भाजपा सरकार को उखाड़ फेंकने के लिए प्रतिबद्ध है। प्रदेश में 28 नवंबर को चुनाव होना है और पार्टी ने अब तक किसी भी उम्मीदवार के नाम का ऐलान नहीं किया है। मध्य प्रदेश में शुक्रवार को चुनाव अधिसूचना जारी होने के साथ ही नामांकन दाखिल करने की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी।

इस बारे में पूछे जाने पर कांग्रेस महासचिव अशोक गहलोत ने पार्टी नेताओ के बीच किसी भी मतभेद की खबरों का खंडन किया और दावा किया कि राज्य में कांग्रेस नेतृत्व एकजुट है। उन्होंने कहा, ''नेताओं के बीच कोई लड़ाई नहीं है जैसा कि मीडिया के एक धड़े में खबर आयी है। मध्य प्रदेश और राजस्थान के सभी नेता एकजुट हैं। गहलोत ने कहा कि उम्मीदवारों के चयन की प्रक्रिया जल्दी ही पूरी हो जाएगी।

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