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मंदसौर: मंदसौर में कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की रैली से पहले प्रशासन पर एक बार फिर बड़ा आरोप लगा। मृतक के परिजन मीडिया से रूबरू हुए। परिजनों का आरोप है, कि सरकार ने उन्हें रैली में आने से रोका, कुछ ने ये भी कहा कि उन पर खुफिया विभाग नजर रख रहा था। सत्रह साल के अभिषेक पाटीदार को छह जून 2017 को गोली मारी गई थी। उनके पिता दिनेश पाटीदार ने कहा कि "मैं बूढ़ा एक रैली में था। मेरे बेटे संदीप ने रात 11 बजे फोन किया और पूछा कि मैं कहा हूं, उसने कहा आप मंच के बगल में आ जाओ। फिर उसने बताया कि एसडीएम साहब ने उससे पूछा रैली में कौन जा रहा है? जब उसने बताया कि मेरे मां-पिताजी तब एसडीएम साहब ने उससे कहा कि हमें कहें कि आप रैली में मत जाओ।''

वहीं चिल्लौद पिपलिया के 45 साल के कन्हैयालाल पाटीदार के भाई जगदीश पाटीदार ने कहा ''हम पर सीआईडी नजर रख रही थी, गाड़ी भी देख रहे थे, कौन आ रहा है।'' मृतकों के परिजन दोषियों के लिए सज़ा भी मांग रहे हैं। ये बात उन्होंने राहुल गांधी के सामने भी दुहराई। अभिषेक की मां अलका पाटीदार ने कहा ''मैं चाहती हूं कि दोषियों पर 302 का मामला चले।'' वहीं कन्हैयालाल की बेटी पूजा पाटीदार ने भी कहा अब उन्हें इंसाफ मिलना चाहिए।

खबर ये भी थी कि कांग्रेस के नेताओं से कहा गया था कि जो जितनी भीड़ लाएगा उसके टिकट की दावेदारी उतनी मजबूत होगी। लेकिन पार्टी ने इन आरोपों को खारिज कर दिया। पार्टी सचिव संजय कपूर ने कहा ये भ्रम है, लेकिन ये सच है कि जो काम करेगा उसे पार्टी में किसी न किसी तरह से सम्मान दिया जाएगा। कांग्रेस कह रही है रैली में एक लाख से ज्यादा किसानों ने हिस्सा लिया और अब यही किसान उसकी लड़ाई आगे ले जाएंगे।

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