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भोपाल: ऑस्ट्रेलिया में होने वाले पैसेफिक स्कूल गेम्स चैंपियनशिप के लिए मध्यप्रदेश से 29 की जगह 16 बच्चे जाएंगे, छह टिकटों पर मंत्री समेत मध्यप्रदेश के अधिकारी सफर करेंगे। बताया जा रहा है कि बच्चों का टिकट कागजातों की वजह से कटा, जिसमें पासपोर्ट भी शामिल है।

जिन बच्चों का टिकट कटा है उसमें मध्यप्रदेश की राजधानी भोपाल के पद्मनाभ नगर के 210 नंबर की झुग्गी में रहने वाली दो चैंपियन बहनें भी हैं। उनका ख्वाब था ऑस्ट्रेलिया जाकर देश की नुमाइंदगी करें, लेकिन उनकी जगह दो अधिकारी जाएंगे।

आशा और अंजलि गौतेला भोपाल के एमएलबी स्कूल में नवीं में पढ़ती हैं। चार भाई-बहनों को मां-बाप मुश्किल से पालते हैं, फिर भी दोनों बहनों के सपनों में कोई कमी नहीं आ पाई। पांच साल पहले उन्होंने स्कूल में सॉफ्ट बॉल खेलना शुरू किया। राज्य और राष्ट्रीय स्तर पर कई मेडल जीते।

तीन साल से ऑस्ट्रेलिया की तैयारी में पांच राष्ट्रीय पदक अपने नाम किए, जिसके बूते पैसेफिक स्कूल गेम्स के लिए चयन हुआ। 31 को चिठ्ठी मिली, कहा गया तीन दिन में कागजात जमा करें। पासपोर्ट नहीं था, लिहाज़ा नाम कट गया तैयारी धरी रह गई।

आशा गौतले ने कहा हमारा कैम्प हुआ। कहा गया था ऑस्ट्रेलिया जाओगे। हम प्रैक्टिस करते हैं, स्कूल में खेल टीचर ने बताया हमने स्कूल से सॉफ्ट बॉल खेला, इंदौर, टीकमगढ़, छत्तीसगढ़ गए। स्कूली बच्चों के नाम से मंजूर सरकारी राशि से अधिकारियों ने आनन-फानन में खुद विदेश घूमने की जुगत बिठा ली।

लिस्ट में स्कूली शिक्षा मंत्री विजय शाह बतौर एचओडी शामिल हो गए जिसमें विभाग की संचालक अनु भदौरिया, उप संचालक बृजभूषण सक्सेना, अपर संचालक राजेंद्र कुमार डेकाते, जिला खेल अधिकारी रायसेन राजेश यादव, लिपिक आमिर अहमद खान का रजिस्ट्रेशन पदाधिकारी के तौर पर किया गया है।

यह मामला लेकर हम जब सरकार के दरवाजे पर पहुंचे तो बताया गया कि अब पात्रता समझने-समझाने नोडल अधिकारी नियुक्त होंगे। जोशी ने कहा ये हमारे विभाग का मामला है निर्देशित किया है कि रिपोर्ट दें, कोई दोषी मिलता है तो सरकार खर्चा वापस लेगी। पात्रता के लिए नोडल अधिकारी नियुक्त करेंगे।

नाबालिग बच्चों का पासपोर्ट तीन दिन में बन जाता है। विदेश मंत्रालय की दखल हो तो सब मुमकिन है। बच्चों की अब अपील है कि सरकार उनके बारे में सोचे। अंजलि गौतेला ने कहा हमारे कागज़ात बन जाएं तो जरूर जाएंगे। पासपोर्ट आ गया, मदद हुई तो जरूर जाएंगे।

विभाग के जूनियर मंत्री मानते हैं कि नेताओं का जाना ठीक नहीं। दीपक जोशी ने कहा बच्चे छोटे थे, विभाग को जिम्मेदारी लेनी थी। भविष्य में नोडल अधिकारी जिम्मेदार होगा। मेरा अपना मानना है कि ऐसे दौरों पर हमें नहीं जाना चाहिए। 19 खिलाड़ियों को लेकर टीम दिसंबर के पहले सप्ताह में रवाना होगी।

कांग्रेस को लगता है यह प्रतिभाशाली खिलाड़ियों के साथ अन्याय है। कांग्रेस के प्रवक्ता केके मिश्रा ने कहा ये उन भांजों के साथ खिलवाड़ है जिनकी दुहाई देकर मुख्यमंत्री मामा बने हैं। उन्हें रोक दिया गया क्योंकि पासपोर्ट नहीं बन सकता... एक घंटे में पासपोर्ट बन सकता है, अगर सरकार चाहे तो। जब पद्मावती को अवॉर्ड दे सकते हैं तो पासपोर्ट क्यों नहीं बना। बच्चों के पैसे पर आनंद लेने विजय शाह जी जा रहे हैं।

पैसेफिक स्कूल गेम्स चैंपियनशिप-2017 एडीलेड में तीन दिसंबर से नौ दिसंबर तक आयोजित होगी। टूर्नामेंट के प्रत्येक प्रतिभागी के लिए 2.50 लाख रुपये स्कूल शिक्षा विभाग दे रहा है।

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