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मुम्बई: स्वतंत्रता दिवस के भाषण में बलूचिस्तान का जिक्र करने पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी पर निशाना साधते हुए शिवसेना ने आज पूछा कि क्या बलूच नेताओं को बचाने के लिए वह सेना भेजेंगे जिन पर उनके बयान का समर्थन करने के लिए देशद्रोह का मुकदमा दर्ज किया गया है। पाकिस्तान में तीन शीर्ष बलूच राष्ट्रवादी नेताओं के खिलाफ देशद्रोह सहित पांच मामले दर्ज किए गए। इन नेताओं ने बलूचिस्तान के संघर्ष को लेकर मोदी के सहयोगात्मक बयान का समर्थन किया था। शिवसेना के मुखपत्र ‘सामना’ ने लिखा, ‘प्रधानमंत्री मोदी का समर्थन करने के लिए इन नेताओं ने बड़ी कीमत चुकाई। देश के खिलाफ युद्ध छेड़ने सहित गंभीर अपराधों में उनके खिलाफ मामला दर्ज हुआ। यह पाकिस्तान के दमनकारी रवैये का हिस्सा है।’ पत्र ने कहा, ‘हमारे प्रधानमंत्री अब उनके समर्थन में क्या करेंगे? क्या वह पाकिस्तान से बलूच नेताओं को बचाने के लिए सेना भेजेंगे या फिर वे पाकिस्तान के इस कृत्य की निंदा करते हुए एक बार फिर भाषण देंगे? ये नेता इसलिए परेशानी में आ गए कि उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी के भाषण का समर्थन किया।’ शिवसेना ने कश्मीर में पाकिस्तानी झंडा फहराने वाले लोगों के खिलाफ मोदी द्वारा कार्रवाई की योजना पर भी सवाल उठाया।

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