मुंबईः कांग्रेस नेता राहुल गांधीके खिलाफ एक अन्य मानहानि के मामले में शनिवार (3 जून) को महाराष्ट्र की भिवंडी कोर्ट में सुनवाई शुरू हुई। महात्मा गांधी की हत्या के लिए राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) को दोषी ठहराने के आरोप वाले बयान को लेकर राहुल गांधी के खिलाफ केस दर्ज किया गया था। पूर्व सांसद राहुल गांधी फिलहाल अमेरिका की यात्रा पर हैं।
राहुल गांधी ने आरएसएस पर की थी टिप्पणी
राहुल गांधी के वकीलों ने उन वकीलों के नाम के साथ एक हलफनामा दायर किया, जो मामले में उनकी ओर से पेश होंगे। मुकदमे की सुनवाई के पहले दिन, अदालत ने शिकायतकर्ता राजेश कुंटे का बयान दर्ज किया है। जो अगली तारीख 1 जुलाई को भी जारी रहेगा। शनिवार को सुनवाई के दौरान शिकायतकर्ता ने अदालत को कांग्रेस नेता के भाषण की एक डीवीडी भी सौंपी।
शिकायतकर्ता कुंटे के वकील ने सबूत के तौर पर सात नए दस्तावेज भी पेश किए, लेकिन राहुल गांधी के वकील एडवोकेट नारायण अय्यर ने आपत्ति जताते हुए कहा कि उन्हें कॉपी नहीं दी गई।
शिकायतकर्ता के वकील ने फिर उन्हें कॉपी सौंपी। आरएसएस कार्यकर्ता राजेश कुंटे ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी पर आरएसएस को महात्मा गांधी की हत्या से जोड़कर बदनाम करने का आरोप लगाया है।
राजेश कुंटे ने 2014 में एक रैली में राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ पर महात्मा गांधी की हत्या में शामिल होने का आरोप लगाने वाली कांग्रेस नेता की टिप्पणी के खिलाफ शिकायत दर्ज करवाई थी। शिकायत में दावा किया गया कि ये बयान झूठा था और इससे आरएसएस की छवि धूमिल हुई।
मानहानि के एक अन्य केस में मिल चुकी है सजा
कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी को इससे पहले बीते मार्च के महीने में गुजरात के सूरत की कोर्ट मानहानि के अन्य मामले में 2 साल की सजा सुनाई थी। इसके बाद उनकी संसद सदस्यता रद्द कर दी गई थी। कोर्ट ने कांग्रेस नेता को 13 अप्रैल, 2019 को एक चुनावी रैली में "मोदी सरनेम" को लेकर की गई टिप्पणी के मामले में ये सजा सुनाई थी। राहुल गांधी ने रैली में कहा था, "सभी चोरों का सरनेम मोदी ही कैसे है।"