मुंबई: बॉम्बे हाईकोर्ट ने 19 वर्षीय एक युवक के खिलाफ दर्ज यौन उत्पीड़न का मामला उसकी उम्र को देखते हुए और नाबालिग पीड़िता की मां की सहमति के बाद खारिज कर दिया है। जस्टिस नितिन सांबरे और जस्टिस एसजी दिगे की खंडपीठ ने 22 फरवरी को अपने आदेश में कहा कि आरोपी छात्र की पीड़िता के साथ मित्रता थी और दोनों लड़की के माता-पिता को सूचित किये बगैर साथ रहते थे। बेंच ने कहा कि इसके चलते लड़की की मां ने कथित आरोपी के खिलाफ शिकायत दर्ज कराई। तब आरोपी अपने खिलाफ दर्ज मामले को रद्द कराने की मांग करते हुए अदालत पहुंचा। पीड़िता की मां ने हाईकोर्ट में कहा कि उसने प्राथमिकी रद्द करने के लिए अपनी सहमति दे दी है। इस बात को संज्ञान में लेकर अदालत ने मामला खारिज कर दिया।
बेंच ने कहा, ‘‘याचिकाकर्ता विद्यार्थी है और उसके खिलाफ आपराधिक कार्यवाही जारी रखना इंसाफ के खिलाफ होगा क्योंकि दोनों ही पक्षों को समान रूप से मुश्किलें होंगी, खासकर दोनों ही पक्षों ने सहमति के आधार पर यह मामला खारिज कराने का फैसला किया है।''
पीड़िता की मां ने अदालत में कहा था कि अपनी बेटी से बातचीत करने के बाद उसे पता चला कि वह माता-पिता को सूचित किये बगैर कुछ समय के लिए उसके साथ ठहरी थी। युवक ने अपनी याचिका में कहा कि पीड़िता और उसकी मां के बीच संवादहीनता के कारण मामला दर्ज करने की नौबत आई।