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बेलगावी: शिवसेना, कांग्रेस और एनसीपी के 300 से अधिक सदस्यों को सीमा पर रोक दिया गया है और कर्नाटक पुलिस द्वारा वापस भेज दिया गया है। जबकि कुछ को महाराष्ट्र पुलिस ने हिरासत में ले लिया है। दरअसल कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा पर बढ़ते तनाव के बीच कर्नाटक में बीएस बोम्मई सरकार के अंतिम शीतकालीन सत्र के लिए आज बड़े पैमाने पर विरोध प्रदर्शन की योजना बनाई गई थी। ऐसे में राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी और शिवसेना के नेताओं को एहतियाती हिरासत में ले लिया गया है।

राकांपा के हसन मुश्रीफ और शिवसेना के कोल्हापुर जिला अध्यक्ष विजय देवाने को आज कर्नाटक के बेलगावी में प्रवेश करने की कोशिश करते हुए हिरासत में लिया गया, जो दशकों पुराने सीमा विवाद का केंद्र है। महाराष्ट्र कांग्रेस के अध्यक्ष नाना पटोले ने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी पर भारत को "विभाजित" करने का आरोप लगाते हुए कहा कि "केंद्र सरकार के कारण सीमा का मुद्दा हो रहा है। पीएम मोदी महाराष्ट्र को विभाजित करना चाहते हैं। दोनों मुख्यमंत्रियों और गृह मंत्री अमित शाह के बीच बैठक के बावजूद नेताओं को वहां जाने की अनुमति क्यों नहीं है? इससे पता चलता है कि केंद्र सरकार इसके पीछे है।

बता दें कर्नाटक विधानसभा के 10 दिवसीय शीतकालीन सत्र के सोमवार से शुरू होने के मद्देनजर बेलगावी शहर में सुरक्षा कड़ी कर दी गई है। महाराष्ट्र के साथ सीमा-विवाद को लेकर विभिन्न समुदायों के विरोध के कारण व्यवधान की आशंका के बीच पूरे शहर को एक छावनी में तब्दील किया गया है।

पुलिस सूत्रों के अनुसार, शहर में कानून-व्यवस्था बनाए रखने के लिए करीब पांच हजार पुलिसकर्मियों को तैनात किया गया है। इन पुलिसकर्मियों में छह पुलिस अधीक्षक, 11 अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक, 43 उपाधीक्षक, 95 निरीक्षक और 241 उपनिरीक्षक शामिल हैं।

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