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मुंबई: महाराष्ट्र और कर्नाटक सीमा विवाद काफी पुराना है। दोनों राज्यों के कुछ ऐसे सीमावर्ती भाग हैं, जिन पर दोनों ही राज्य अपना दावा करते हैं। कर्नाटक के सीएम बासवराज बोम्मई ने बुधवार को महाराष्ट्र के सांगली जिले के जत तालुका के 40 गांवों पर कन्नड़ भाषियों की तादाद अधिक होने की वजह से दावा किया कि वे कर्नाटक में शामिल होना चाहते हैं। इसके बाद महाराष्ट्र के डिप्टी सीएम देवेंद्र फडणवीस ने कड़ी प्रतिक्रिया दी है।

कर्नाटक-महाराष्ट्र सीमा विवाद पर बुधवार से सुप्रीम कोर्ट में सुनवाई भी शुरू हो गई है। इस बीच नागपुर में मीडिया से संवाद करते हुए देवेंद्र फडणवीस ने कहा, ‘सीमा विवाद के मुद्दे पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने कुछ दिनों पहले एक अहम बैठक की। इस बैठक में अहम फैसले किए गए। सीमावर्ती भागों में रहने वाले लोगों की पूरी मदद करने की हमारी योजनाएं शुरू हैं। इसीलिए शायद कर्नाटक के सीएम ने यह बयान दिया है। महाराष्ट्र का एक भी गांव कहीं नहीं जाएगा। हम सुप्रीम कोर्ट में लड़ते हुए कर्नाटक से बेलगाम, कारवार, निपाणी समेत कई गांव वापस महाराष्ट्र में लाएंगे।'

फडणवीस ने कहा, ‘यह मुद्दा सुप्रीम कोर्ट में चल रहा है। जत तालुका के गांवों की मांग पुरानी है। वहां पानी की कमी की समस्या है। कल और परसों हमारी इस पर अहम बैठक हुई है। हम एक भी गांव महाराष्ट्र से कर्नाटक जाने नहीं देंगे। कोर्ट के फैसले का सम्मान करते हुए, केंद्र सरकार की मदद से बातचीत के जरिए विवाद को सुलझाएंगे।'

फडणवीस ने कहा कि पिछले ढाई साल में महाविकास आघाड़ी सरकार के वक्त इन योजना को मान्यता नहीं दी गई। हो सकता है कोरोना की वजह से निर्णय नहीं लिया गया हो। अब इस योजना पर पूरी रफ्तार से काम हो रहा है। गांवों को पानी जल्दी उपलब्ध होगा। इसके लिए केंद्र सरकार ने भी पैसे दिए हैं। योजनाएं पूरी करने के लिए पैसों की कोई कमी नहीं है।

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