नई दिल्ली: महाराष्ट्र के राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी की शिवाजी महाराज पर टिप्पणियों के बाद केंद्रीय मंत्री नितिन गडकरी ने अपनी चुप्पी तोड़ी है। केंद्रीय मंत्री गडकरी ने कहा, "शिवाजी महाराज हमारे भगवान हैं।" गौरतलब है कि कोश्यारी ने दो दिन पहले शिवाजी की तुलना नितिन गडकरी से की थी। उन्होंने कहा था, "शिवाजी महाराज एक पुराने आदर्श बन गए हैं। अब आप बाबा साहब आंबेडकर से लेकर नितिन गडकरी को आदर्श बना सकते हैं।" बता दें, कोश्यारी की शिवाजी महाराज से संबंधित इस टिप्पणी को लेकर महाराष्ट्र में सियासत तेज हो गई है। मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत ‘बालासाहेबांची शिवसेना' के विधायक संजय गायकवाड ने राज्यपाल भगत सिंह कोश्यारी द्वारा छत्रपति शिवाजी महाराज पर की गई टिप्पणी को लेकर सोमवार को उन्हें राज्य से बाहर स्थानांतरित करने की मांग की है।
नितिन गडकरी ने एक कार्यक्रम को मराठी में संबोधित करते हुए कहा कि, ''शिवाजी महाराज हमारे देवता हैं। हमारे अंदर मां और पिता से भी अधिक शिवाजी महाराज के प्रति निष्ठा है। उनका जीवन हमारे लिए आदर्श है।
उन्होंने कहा, वे यशस्वी, कीर्तिवान, सामर्थ्यवान जनता के राजा थे। वे दृढ़ संकल्प के महामेरु, अभंग श्रीमंत योगी थे। वे डीएड, बीएड कर लेने वाले राजा नहीं थे। उन्होंने उपस्थित लोगों से कहा, यह आपके बेटे का समय है। कठोर शिक्षा देने से राजा बनता है।''
बुलढाणा विधानसभा सीट से विधायक गायकवाड ने दावा किया कि कोश्यारी ने मराठा साम्राज्य के संस्थापक के खिलाफ टिप्पणी की है और अतीत में भी विवादों को जन्म दिया है। विधायक ने कहा, ‘‘राज्यपाल को समझना चाहिए कि छत्रपति शिवाजी महाराज के आदर्श कभी पुराने नहीं पड़ते और उनकी तुलना दुनिया के किसी भी अन्य महान व्यक्ति से नहीं की जा सकती है। मेरा केन्द्र के भाजपा नेताओं से अनुरोध है कि जिस व्यक्ति को राज्य के इतिहास का नहीं पता है, कैसे यह काम करता है, उसे दूसरी जगह भेजा जाना चाहिए।''गायकवाड मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे नीत ‘बालासाहेबांची शिवसेना' के विधायक हैं, जिसने महाराष्ट्र में भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) के साथ मिलकर सरकार बनायी है।
गौरतलब है कि कोश्यारी ने शनिवार को राज्य के ‘आदर्श व्यक्तियों' के संबंध में चर्चा करते हुए कहा था कि छत्रपति शिवाजी महाराज ‘पुराने जमाने' के आदर्श व्यक्ति थे और साथ ही उन्होंने बाबासाहेब भीमराव आंबेडकर और केन्द्रीय मंत्री नितिन गडकरी का भी उल्लेख किया था। उनके इस बयान की राष्ट्रवादी कांग्रेस पार्टी (राकांपा) और शिवसेना के उद्धव ठाकरे नीत गुट ने आलोचना की थी। राज्यपाल ने औरंगाबाद में भाजपा नेता गडकरी और राकांपा प्रमुख शरद पवार को डी.लिट की उपाधि देने के बाद यह टिप्पणी की थी।