मुंबई: निकाय चुनावों में अकेले ही चुनाव लड़ने का फैसला कर चुकी शिवसेना ने मंगलवार को भाजपा पर ‘ढोंगी’ होने का आरोप लगाते हुए कहा है कि छोटे राज्यों की वकालत करने वाली पार्टी के उम्मीदवारों ने संयुक्त महाराष्ट्र के लिए बलिदान देने वाले हुतात्माओं को श्रद्धांजलि देकर अपने चुनाव प्रचार अभियान की शुरुआत की है। अपने मुखपत्र ‘सामना’ के संपादकीय में जबरदस्त आलोचना करते हुए शिवसेना ने कहा कि भाजपा ने संयुक्त महाराष्ट्र के लिये सर्वोच्च बलिदान करने वालों का ‘अपमान’ किया है। पिछले सप्ताह अपने चुनाव प्रचार के आगाज के दौरान शिवसेना ने भाजपा पर आरोप लगाते हुए यह याद दिलाया कि भाजपा छोटे राज्यों की वकालत करती है और महाराष्ट्र को बांटने का उसका (भाजपा का) गुप्त एजेंडा है और यहां तक कि पार्टी राज्य से मुंबई को अलग करने से भी नहीं हिचकेगी। शिवसेना ने राज्य एवं केंद्र सरकारों में सहयोगी होने के बावजूद निकाय चुनावों में हमलों के लिये भाजपा पर निशाना साधा है। शिवसेना के आक्षेप के जवाब में भाजपा ने रविवार को बीएमसी (बृहन्मुंबई महानगरपालिका) चुनाव प्रचार शुरू किया और अपने सभी उम्मीदवारों को ‘हुतात्मा चौक’ पर बुलाया, जहां उन्होंने शहीदों को श्रद्धांजलि देते हुए इस सबसे धनी मुंबई नगर निकाय में सत्ता में आने पर पारदर्शी एवं भ्रष्टाचार मुक्त शासन देने का संकल्प जताया।
शिवसेना ने कहा कि भाजपा ने महाराष्ट्र भक्ति का नाटक दिखाते हुए चुनाव प्रचार शुरू किया, जो एक फ्लॉप शो था। भाजपा नेतृत्व ने अपने उम्मीदवारों को शहीदों को श्रद्धांजलि देने के लिये कहा, जो सदी का सबसे बड़ा ढोंग है। जो लोग संयुक्त महाराष्ट्र के विरोधी हैं उनका इस स्मारक पर नतमस्तक होना शहीदों का अपमान है। संपादकीय में यह सवाल उठाया गया, मौजूदा मुख्यमंत्री और उनके सहयोगी महाराष्ट्र को चार हिस्सों में बांटने के पक्षधर हैं। उनकी यह नीति उन शहीदों का अपमान है। क्या वहां नतमस्तक होने वाले किसी भी उम्मीदवार ने यह घोषणा की कि राज्य का बंटवारा नहीं होना चाहिए? इसके अनुसार, मुख्यमंत्री ने केवल राजनीतिक हितों के लिये शहीदों का माल्यार्पण किया और उनके समक्ष नतमस्तक हुए। यह ढोंग की पराकाष्ठा है। उन्होंने शहीदों के स्मारक को अपवित्र किया है और यह एक बार फिर तभी शुद्ध होगा जब उन्हें शिकस्त (बीएमसी चुनावों में) मिलेगी।