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मुंबई: शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने बुधवार को कहा कि केंद्र के नोटबंदी के फैसले से आम आदमी की जेब कट गयी वहीं बड़े चूककर्ताओं पर कोई असर नहीं हुआ, ऐसे में हर साल बजट की क्या जरूरत जब पिछले वादे पूरे नहीं हुए। उद्धव ने कहा, ‘नोटबंदी की वजह से जनता को जो परेशानी हुई, उसकी भरपाई कभी नहीं की जा सकती। सरकार कह सकती है कि जमा धन कई गुना बढ़ गया लेकिन सच यह है कि बड़े चूककर्ताओं को अलग रखा गया और आम आदमी की जेब काटी गयी।’ उन्होंने कहा, ‘उन्होंने पिछले बजट में यह घोषणा क्यों नही की थी कि वे नोट बंद करेंगे।’ उद्धव ने कहा, ‘जब पिछले साल की घोषणाएं अधूरी हैं तो इस बजट का क्या मतलब है? जब आप अपने किये वादे पूरे नहीं करते तो हर साल बजट पेश करने की क्या जरूरत है।’ शिवसेना सांसद अरविंद सावंत ने भी बजट पर सरकार को घेरते हुए कहा कि सरकार ने बजट में वेतनभोगी वर्ग को राहत दी है लेकिन वह किसानों, युवाओं और वरिष्ठ नागरिकों को पूरी तरह भूल गयी। उन्होंने सस्ते आवासों को बुनियादी संरचना का दर्जा दिये जाने के फैसले पर भी नाखुशी जताई। सावंत ने कहा, ‘बजट में वेतनभोगियों को राहत दी गयी है, वहीं पूरी तरह किसानों, युवाओं, वरिष्ठ नागरिकों और महिलाओं को भुला दिया गया है और उनके लिए कोई विशेष प्रावधान नहीं है।’

उन्होंने कहा कि वित्त मंत्री अरुण जेटली ने ऐलान किया कि कौशल प्रशिक्षण क्षेत्र को लेकर प्राथमिकता बनी रहेगी और ग्रामीण क्षेत्रों पर ज्यादा ध्यान दिया जाएगा, लेकिन मौजूदा सरकार के कार्यकाल में यह क्षेत्र दयनीय तरीके से विफल रहा है। सस्ते मकानों को बुनियादी ढांचे का दर्जा दिये जाने के प्रस्ताव पर सवाल खड़ा करते हुए सावंत ने कहा कि सरकार बताए कि अब तक कितने सस्ते मकान बनाये गये हैं। रेल बजट पर सावंत ने कहा, ‘हमें अभी समझ नहीं आया है कि बजट में इस बारे में क्या घोषित किया गया है।’

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