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मुंबई: मोदी सरकार के नोटबंदी के फैसले के बाद महाराष्ट्र के डिस्ट्रिक्ट क्रेडिट को-ऑपरेटिव (डीसीसी) बैंकों में सिर्फ 4 दिन के अंदर 5000 करोड़ कीमत के 500 और 1000 के पुराने नोट जमा कराए गए थे। ये पैसा नोटबंदी के फैसले के 2 दिन बाद से 10 से 14 नवंबर के बीच जमा कराए गए थे। उस दौरान को-ऑपरेटिव बैंकों को भी पुराने नोट जमा करने की इजाज़त मिली हुई थी। एक अंग्रेजी अखबार में छपी रिपोर्ट के मुताबिक अभी तक हुई छानबीन के ये सामने आया है कि इनमें से अधिकतर बैंक अकाउंट किसानों के हैं। इस तरह के बैंकों पर नज़र रखने वाली शीर्ष बैंकिंग संस्था नाबार्ड (नैशनल बैंक फॉर ऐग्रिकल्चर ऐंड रूरल डिवेलपमेंट) ने इस पूरे मामले की जांच करनी शुरू भी कर दी है। नाबार्ड के मुताबिक इन खातों की शुरूआती जांच में सामने आया है कि कुछ खातों में जमा धन के सोर्स का उल्लेख नहीं किया गया है। नाबार्ड ने भी ये जांच तब शुरू की जब उसे इनमें से कुछ अकाउंट्स में काला धन जमा किए जाने की शिकायत मिली।

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