मुंबई: केंद्र के नोटबंदी के फैसले की आलोचना करते हुए शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे ने मंगलवार को कहा कि भाजपा को अपनी मर्जी के हिसाब से लोगों को देशभक्त या राष्ट्रदोही करार नहीं देना चाहिए। उन्होंने कहा कि अगर 500 या 1000 रुपये के नोटों को अमान्य घोषित किये जाने से आतंकवाद रुक जाता तो पूरी दुनिया इसी मॉडल को अपनाती। उपनगरीय बांद्रा स्थित अपने आवास ‘मातोश्री’ में संवाददाताओं से बातचीत में ठाकरे ने संवाददाताओं से कहा, ‘आपको उन लोगों को देशभक्ति सिखाने की जरूरत नहीं है जो व्यथित हैं और चुपचाप कतारों में खड़े हैं। उनकी मेहनत की कमाई का देश में सभी कार्यों के लिए इस्तेमाल हो रहा है। ऐसे में आपको (भाजपा को) अपनी मर्जी और सुविधा के हिसाब से लोगों को देशभक्त या राष्ट्रदोही करार नहीं देना चाहिए।’ गौरतलब है कि महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने हाल में तटीय कोंकण जिले के रत्नागिरी में एक चुनावी रैली में कहा था कि नोटबंदी के मुद्दे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी का विरोध करने वाले देश को नुकसान पहुंचा रहे हैं और काले धन के खिलाफ निर्णायक लड़ाई में जीत के लिए लोगों को एकसाथ आना चाहिए। देश में शरीयत के अनुरूप या ब्याज रहित बैंकिंग को क्रमिक तरीके से आगे बढ़ाने की दिशा में पारंपरिक बैंकों में ‘इस्लामी खिड़की’ खोले जाने के रिजर्व बैंक के प्रस्ताव पर ठाकरे ने आश्चर्य प्रकट करते हुए कहा कि यह देश किस दिशा में बढ़ रहा है।
उन्होंने कहा, ‘आप जिला सहकारी बैंकों को रुपये बदलने की अनुमति नहीं दे रहे हैं और दूसरी तरफ इस्लामी बैंकिंग की अनुमति दे रहे हैं। मुझे समझ में नहीं आ रहा कि ये देश किस दिशा में बढ़ रहा है।’ ठाकरे ने कहा, ‘अगर ये सही है कि पुराने नोटों को अमान्य घोषित किये जाने से आतंकवाद पर विराम लग जायेगा तो पूरे विश्व को इस मॉडल को स्वीकार करना चाहिए क्योंकि आतंकवाद वैश्विक दुश्मन है और सभी देश खतरे में है।’