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जयपुरः राजस्‍थान के कोटा में कोचिंग स्टूडेंट के सुसाइड का सिलसिला थमन का नाम नहीं ले रहा है। साल के शुरुआती जनवरी महीने में ही स्टूडेंट की आत्महत्या का दूसरा मामला आज सामने आया है। कोटा के बोरखेड़ा क्षेत्र में रहने वाली छात्रा निहारिका सिंह ने घर पर ही फांसी का फंदा लगाकर आत्महत्या कर ली। परिजनों को जैसे ही सूचना लगी, तो वह घबरा गए और मौके पर पुलिस को बुलवाया गया पुलिस और परिजन छात्रा को लेकर अस्पताल पहुंचे। लेकिन चिकित्सकों ने उसे मृत घोषित कर दिया।

पुलिस ने शव के पोस्टमार्टम की कार्रवाई शुरू करवा कर मामले की जांच शुरू कर दी है। कोटा में लगातार कोचिंग स्टूडेंट के हो रहे सुसाइड मामलों में बढ़ोतरी के बाद केंद्र सरकार की ओर से भी कुछ दिन पूर्व गाइडलाइन जारी की गई है, जिसके तहत कोचिंग स्टूडेंट्स को अवसाद मुक्त रखने के लिए कोचिंग संस्थानों और जिला प्रशासन को महत्वपूर्ण निर्देश दिए गए हैं।

पुलिस को निहारिका के शव के साथ एक सुसाइड नोट भी मिला है। इसमें निहारिका ने लिखा है। ‘मम्मी, पापा, मैं जेईई नहीं कर सकती। इसलिए मैंने आत्महत्या कर ली है। मैं लूजर हूं। मैं सबसे खराब बेटी हूं। मुझे माफ करना, मम्मी, पापा। यह मेरे पास आखिरी विकल्प है।‘

इंजीनियरिंग की प्रतियोगी परीक्षा की कर रही थी तैयारी

मृतक छात्रा निहारिका सिंह अपने पिता के साथ बोरखेड़ा क्षेत्र में रहती थी। पिता बैंक में गनमैन की नौकरी करते हैं। चचेरे भाई विक्रम सिंह ने बताया कि निहारिका 12वीं कक्षा भी दोबारा से रिपीट कर रही थी। वही उसका इंजीनियरिंग की प्रतियोगी परीक्षा के पेपर का टाइम टेबल भी आ गया था। परीक्षा को लेकर वह तनाव में रहती थी। हर रोज करीब 7, 8 घंटे घर पर स्टडी करने के बाद भी उसका परीक्षा को लेकर अवसाद में रहना देखा जा रहा था।

कोटा में पिछले साल छात्रों के आत्महत्या के 26 मामले

कोटा में पिछले साल छात्रों के आत्महत्या के 26 मामले सामने आये थे, जो कि कोचिंग के इस गढ़ में एक साल में सबसे अधिक मामले हैं। यहां देशभर से हर साल लाखों छात्र मेडिकल और इंजीनियरिंग प्रवेश परीक्षाओं की तैयारी के लिए आते हैं।

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