जयपुर: गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति के आह्वान पर गुर्जरों का आंदोलन शुक्रवार को छठे दिन भी जारी रहा। समिति के संयोजक कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने सरकार को आंदोलनकारियों की मांगें मानने के लिये 12 घंटे का अल्टीमेटम दिया। इस आंदोलन की वजह से पश्चिम मध्य रेलवे के कोटा मंडल में हिंडौन सिटी-बयाना रेल खंड पर यातायात अवरुद्ध होने से 10 सवारी गाड़ियों का मार्ग बदला गया है।
कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला ने राज्य सरकार को उनकी मांगें मानने के लिए 12 घंटे का अल्टीमेटम देते हुए शुक्रवार को कहा कि किसी मंत्री को सरकार का प्रस्ताव लेकर समाज के प्रतिनिधियों के पास आना चाहिए। उन्होंने कहा कि इसके बाद ही आंदोलन के बारे में आगे फैसला किया जाएगा।बयाना के पीलूपुरा में बैंसला ने कहा, 'समाज की ओर से राज्य सरकार को आगाह कर रहा हूं कि अगले 12 घंटे में युवा व खेल मंत्री अशोक चांदना या अन्य कोई मंत्री शनिवार को हमसे मिलने आएं और बताएं कि उन्होंने हमारी मांगों पर क्या समाधान निकाला है। उसके बाद ही कोई निर्णय किया जाएगा।'
बता दें कि आरक्षण सहित अन्य मांगों को लेकर आंदोलनकारियों के भरतपुर जिले के बयाना के पीलूपुरा के पास दिल्ली-मुंबई रेल मार्ग पर पटरी में बैठे होने के कारण शुक्रवार को भी रेलवे ने कई रेलों के मार्ग में बदलाव किया। वहीं, रोडवेज ने कुछ बसों का संचालन स्थगित कर दिया।
उल्लेखनीय है कि गुर्जर अपनी छह मांगों को लेकर आंदोलन कर रहे है। इनकी मांगों में समझौते और चुनाव घोषणा पत्र के अनुसार ‘बैकलॉग’ रिक्तियों को अधिसूचित करना, सभी प्रक्रियाधीन भर्तियों में पांच फीसदी आरक्षण और आरक्षण को संविधान की नौंवीं अनुसूची में शामिल करवाना शामिल है।
वहीं, नहरा क्षेत्र (बयाना के 80 गांव) के एक प्रतिनिधिमंडल ने आंदोलनकारियों से आग्रह किया कि बंद रेल और सड़क मार्ग को खोल दिया जाए। आरक्षण संघर्ष समिति के 80 गांवों के लोगों और समिति के प्रतिनिधिमंडल ने 31 अक्तूबर को जयपुर में मंत्रिमंडलीय उप-समिति के साथ चर्चा की थी, जिसमें 14 बिंदुओं पर सहमति बनी थी।
युवा एवं खेल मामलों के राज्यमंत्री अशोक चांदना ने गुरुवार को कहा था कि राज्य सरकार ने गुर्जर आरक्षण संघर्ष समिति की ओर से रखी गई मांगों पर पूरी तत्परता से विचार कर मानने योग्य सभी मांगों को आगे बढ़कर मान लिया है।
उन्होंने कहा था कि फिर भी राज्य सरकार के स्तर पर कानूनी रूप से संभव कोई मांग शेष है तो कर्नल किरोड़ी सिंह बैंसला और संघर्ष समिति के सदस्य प्रदेश को आंदोलन से पैदा होने वाली कठिनाई में नहीं डालकर वार्ता करें। लोकतंत्र में बातचीत से ही किसी भी समस्या का हल संभव है।