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जयपुर: राजस्थान का विधानसभा का सत्र शनिवार से शुरू हो गया। इस दौरान राज्य की अशोक गहलोत सरकार ने केंद्र सरकार द्वारा पारित कृषि संबंधी कानूनों के खिलाफ संशोधन विधेयक पेश किया। विधेयक को संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने पेश किया। इसके बाद शोकाभिव्यक्ति हुई और सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई। इससे पहले विधानसभा अध्यक्ष सीपी जोशी ने शुक्रवार को विधानसभा भवन और सदन की व्यवस्थाओं का अवलोकन किया। उन्होंने अधिकारियों को निर्देश भी दिए।

केंद्रीय कृषि कानूनों के राज्य के किसानों पर पड़ने वाले असर को ‘निष्प्रभावी’ करने के लिए तीन विधेयक शनिवार को राजस्थान विधानसभा में पेश किए गए। संसदीय कार्य मंत्री शांति धारीवाल ने कृषि उपज व्यापार और वाणिज्य (संवर्धन और सरलीकरण) (राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020, कृषि (सशक्तीकरण और संरक्षण) कीमत आश्वासन और कृषि सेवा पर करार (राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020 तथा आवश्यक वस्तु (विशेष उपबंध और राजस्थान संशोधन) विधेयक 2020 सदन के पटल पर रखे।

कुछ और विधेयक भी धारीवाल और कृषि मंत्री लालचंद कटारिया ने सदन में पेश किए। हालांकि इसके बाद शोकाभिव्यक्ति हुई और सदन की कार्यवाही सोमवार तक के लिए स्थगित कर दी गई।

भाजपा ने गहलोत सरकार पर साधा निशाना

राजस्थान सरकार के नए राज्य विधेयक पर राजस्थान विधानसभा में विपक्ष के नेता गुलाब चंद कटारिया ने कहा, 'राजस्थान सरकार बस अपने वरिष्ठ नेताओं द्वारा केंद्र के तीन कृषि कानूनों का विरोध करने के धर्म का पालन कर रही है। कांग्रेस ने खुद अपने शासित राज्यों में ठेके पर खेती लागू की थी।'

 

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