जयपुर: राजस्थान विधानसभा में मुख्यमंत्री अशोक गहलोत के नेतृत्व वाली कांग्रेस सरकार ने ध्वनि मत से बहुमत साबित कर दिया है। विश्वास मत पर मतदान के बाद स्पीकर ने सदन की कार्यवाही को 21 अगस्त तक स्थगित कर दिया। इससे पहले विश्वास मत पर चर्चा करते हुए मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने कहा कि चुनी हुई सरकारों को गिराने की कोशिश की जा रही है। सौ चूहे खाकर बिल्ली हज को चली। उन्होंने कहा कि जब भैरों सिंह सरकार को गिराने की साजिश हुई, तो मैं राज्यपाल और प्रधानमंत्री के पास गया। आप लोगों में भी कई सरकार को गिराने के खिलाफ थे। वो लोग नहीं चाहते थे क्योंकि ऐसी परंपरा नहीं रही।
एक बार स्थगन के बाद शुरू हुए सदन में राजस्थान सरकार में कानून और संसदीय मामलों के मंत्री शांति कुमार धारीवाल ने विधानसभा में कहा, हमारे पास बड़ा बहुमत है। दो घंटे स्थगित रहने के बाद विधानसभा सत्र फिर शुरू हो गया है। अब धारीवाल ने विश्वास मत के लिए विधानसभा में प्रस्ताव रखा। विधानसभा सत्र में सबसे पहले चीन सीमा पर गलवां घाटी क्षेत्र में शहीद हुए 20 जवानों को श्रद्धांजलि दी गई।
इसके बाद कांग्रेस ने विश्वास मत का प्रस्ताव रखा। कांग्रेस के चीफ व्हिप महेश जोशी ने स्पीकर सीपी जोशी के सामने विश्वास मत के लिए नोटिस रखा था। स्पीकर ने इस नोटिस पर आज एक बजे फैसला लेने की बात कही। इसके बाद सदन की कार्रवाई एक बजे तक के लिए स्थगित कर दिया था। इसके बाद धारीवाल ने प्रस्ताव पेश किया।
दूसरी पंक्ति में बैठे सचिन पायलट
सदन में बैठने की व्यवस्था में भी बदलाव हुआ है। उप मुख्यमंत्री के पद से हटाए जाने के बाद सचिन पायलट अशोक गहलोत के साथ वाली सीट के स्थान पर दूसरी पंक्ति में बैठे। पायलट को निर्दलीय विधायक संयम लोढ़ा के पास वाली सीट संख्या 127 अलॉट की गई है। गहलोत के पास की सीट पर शांति धारीवाल बैठे। इससे पहले पायलट और गहलोत विधानसभा में भी अलग-अलग आए थे।
सचिन पायलट ने सदन में अपने भाषण की शुरूआत करते हुए कहा, 'मुझे विपक्ष के पास इसलिए बिठाया गया, क्योंकि सीमा पर सबसे ताकतवर योद्धा को भेजा जाता है।'
सचिन पायलट ने अपनी सीट में हुए बदलाव के बारे में बोलते हुए कहा, 'इस सरहद पर कितनी भी गोलीबारी हो, मैं कवच और भाला लेकर सरकार को बचाने के लिए खड़ा हूं। मुझे सरहद पर बिठाया गया है, सरहद पर सबसे मजबूत योद्धा को भेजा जाता है।' पायलट ने सदन में भाजपा के उप-नेता राजेंद्र राठौड़ को उनके भाषण के बीच में रोककर यह बात कही।
विधानसभा का गणित गहलोत के पक्ष में
बता दें कि पायलट की वापसी के साथ ही कांग्रेस की विधानसभा में संख्या 107 हो गई है। सभी 13 निर्दलीय विधायक भी कांग्रेस का समर्थन कर रहे हैं और छोटे दलों के समर्थन के साथ गहलोत के पास 125 विधायकों का संख्या बल है। 200 सदस्यीय राजस्थान विधानसभा में 101 बहुमत का आंकड़ा है। वहीं, भाजपा इस आंकड़े से बहुत दूर है, उसके पास महज 75 विधायक हैं।