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जयपुर: राजस्थान सरकार ने वित्त वर्ष 2020-21 के लिए आबकारी व मद्य संयम नीति जारी करते हुए कहा है कि वह उपभोक्ताओं को उच्च गुणवत्तापरक उत्पाद उपलब्ध करवाने के साथ साथ मदिरा के बढ़ते प्रचलन को हत्सोहित करने पर ध्यान देगी। राज्य सरकार ने यह नीति शनिवार को जारी की जिसमें कहा गया है कि यह नीति 31 मार्च 2021 तक एक साल के लिए होगी जिसे एक और साल के लिए बढाया जा सकता है। राज्य सरकार को उम्मीद है कि वह आबकारी राजस्व में आ रही कमी को इस नीति के जरिए रोक पाएगी।

राज्य सरकार ने मौजूदा वित्त वर्ष में आबकारी मद से लगभग 10500 करोड़ रुपये के राजस्व का लक्ष्य रखा है। इसके तहत वह शराब की दुकानों के लिए लाइसेंस नये सिरे से जारी करेगी। इसमें देसी शराब, राजस्थान में बनी शराब, भारत में बनी विदेशी शराब व भांग बेचने के लाइसेंस शामिल हैं। नीति में आबकारी विभाग को मजबूत बनाने की बात भी की गयी है जिसके तहत विभाग व पुलिस द्वारा 2020-21 व इससे पहले शराब के अवैध परिवहन के मामलों में जब्त किए गए वाहनों की नीलामी ई आक्शन द्वारा की जाएगी।

इससे 25 करोड़ रुपये मिलने की उम्मीद है जिसका 50 प्रतिशत हिस्सा विभाग को संसाधन खरीदने के लिए दिया जाएगा। इसी तरह भरतपुर व बहरोड़ में आबकारी प्रयोगशाला स्थापित करने का प्रस्ताव भी इस नीति में है।

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