ताज़ा खबरें
'संघर्ष विराम में नहीं थी तीसरे पक्ष की मध्यस्थता': विदेश सचिव मिस्री
मंत्री शाह को सुप्रीम कोर्ट की फटकार, जांच के लिए एसआईटी गठित

नई दिल्ली: कांग्रेस सांसद और लोकसभा में विपक्ष के नेता राहुल गांधी ने बुधवार को नई दिल्ली में प्रेस कॉन्फ्रेस कर केंद्र सरकार के जाति जनगणना करने के फैसले की तारीफ की है। राहुल गांधी ने कहा कि, हम जाति जनगणना कराए जाने का समर्थन करते हैं। लेकिन सरकार हमें बताए कि जाति जनगणना कितने दिन में पूरा कराएगी। राहुल ने जनगणना के लिए बजट आवंटित करने की भी मांग की है।

राहुल गांधी ने कहा कि हमने संसद में कहा था कि हम जाति जनगणना करवाएंगे। हमने यह भी कहा था कि हम 50 फीसदी की सीमा को खत्म करेंगे, जो कृत्रिम दीवार है। नरेंद्र मोदी कहते थे कि सिर्फ चार जातियां (गरीब, मध्यम वर्ग, अमीर और बहुत अमीर), होती हैं। लेकिन इन चारों के भीतर भी कौन कहां खड़ा है, यह जानने के लिए जातिगत आंकड़े जरूरी हैं। जाति जनगणना पहला कदम है, लेकिन हमें इससे आगे भी बढ़ना होगा। पता नहीं क्या हुआ लेकिन अचानक 11 साल बाद जाति जनगणना की घोषणा कर दी गई। हम इसका पूरा समर्थन करते हैं लेकिन हम एक समयसीमा चाहते हैं। हम जानना चाहते हैं कि यह कब तक होगा। यह पहला कदम है।

नई दिल्ली: दिल्ली में बुधवार (30 अप्रैल 2025) को मोदी कैबिनेट की बैठक में कई अहम फैसले लिए गए। केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कैबिनेट मीटिंग की ब्रीफिंग करते हुए बताया कि सरकार ने जाति जनगणना कराने का फैसला किया है। इसके साथ ही मीटिंग में किसानों के लिए भी बड़े फैसले किए गए हैं।

केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कांग्रेस पर हमला बोलते हुए कहा कि कांग्रेस की सरकारों ने जाति जनगणना का विरोध किया है। उन्होंने कहा, "1947 के बाद से जाति जनगणना नहीं हुई है। कांग्रेस ने जाति जनगणना की जगह जाति सर्वे कराया। यूपीए सरकार में कई राज्यों ने राजनीतिक दृष्टि से जाति सर्वे किया है।"

केंद्रीय मंत्री ने कहा, "जाति की जनगणना मूल जनगणना में ही सम्मिलित होना चाहिए। पीएम मोदी के नेतृत्व में राजनीतिक मामलों की कैबिनेट ने फैसला किया है कि जाति की जनगणना को आने वाली जनगणना में सम्मिलित करके किया जाए।" उन्होंने कहा कि जाति आधारित जनगणना को कांग्रेस और इंडिया गठबंधन ने सिर्फ अपनी लाभ तक के लिए सीमित रखा है।

नई दिल्ली: भारत और पाकिस्तान के बीच पहलगाम आतंकी हमले के बाद से अभी तक तनाव की स्थिति है। इस बीच भारत सरकार ने नेशनल सिक्योरिटी एडवाइजरी बोर्ड में बदलाव किया है। पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी को इसका अध्यक्ष चुना गया है। उनके साथ बोर्ड में कुल 7 सदस्य होंगे। बोर्ड में तीनों सेनाओं के रिटायर्ड अधिकारियों को शामिल किया गया है।

सरकार ने राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार बोर्ड में बदलाव करते हुए पूर्व रॉ प्रमुख आलोक जोशी को बोर्ड की कमान सौंपी है। पूर्व पश्चिमी एयर कमांडर एयर मार्शल पीएम सिन्हा, पूर्व दक्षिणी सेना कमांडर लेफ्टिनेंट जनरल एके सिंह और रियर एडमिरल मॉन्टी खन्ना सैन्य सेवाओं से सेवानिवृत्त अधिकारी हैं। ये भी बोर्ड का हिस्सा होंगे। राजीव रंजन वर्मा और मनमोहन सिंह भारतीय पुलिस सेवा से रिटायर हो चुके हैं। बी वेंकटेश वर्मा सात सदस्यीय बोर्ड में सेवानिवृत्त विदेश सेवा अधिकारी हैं।

पीएम मोदी ने बुधवार को चार बड़ी बैठकों में हिस्सा लिया। उन्होंने सीसीएस, सीसीपीए, सीसीईए और कैबिनेट मीटिंग की अध्यक्षता की।

नई दिल्ली: पहलगाम में हुए आतंकी हमले के बाद समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा हसन ने मांग की है कि संसद का विशेष सत्र आहूत किया जाए। इस संदर्भ में उन्होंने प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी को पत्र भी लिखा है। इससे पहले भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस के नेता और लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष राहुल गांधी ने पहलगाम आतंकी हमले के परिप्रेक्ष्य में संसद का सत्र बुलाने की मांग की थी। सपा सांसद इकरा के मुताबिक सोमवार को उन्होंने यह चिट्ठी प्रधानमंत्री कार्यालय में दी है।

इकरा ने चिट्ठी में क्या लिखा?

इकरा ने पत्र में लिखा- मैं ये पत्र एक फिक्रमंद नागरिक और एक ज़िम्मेदार जनप्रतिनिधि की हैसियत से आपको लिख रही हूं। हाल ही में जम्मू-कश्मीर के पहलगाम में जो दर्दनाक हमला हुआ, उसने पूरे मुल्क को सदमे में डाल दिया है। ऐसे वक्त में पार्लियामेंट को सामने आकर आवाम के जज़्बात, दर्द और उम्मीदों को आवाज़ देनी चाहिए। ये बहुत ही नाजुक घड़ी है। हमें उन मासूम लोगों को श्रद्धांजलि पेश करनी चाहिए जो इस हमले में शहीद हुए। साथ ही ये भी ज़ाहिर करना चाहिए कि हम सब एक हैं अमन, इंसाफ और एकता के उसूलों पर कायम हैं।

  • देश
  • प्रदेश
  • आलेख