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नई दिल्ली (जनादेश ब्यूरो): लालकृष्ण आडवाणी आज 97 साल के हो गए। वयोवृद्ध राजनेता और देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान- भारत रत्न से सम्मानित आडवाणी को पूर्व राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने घर जाकर जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। आडवाणी को बधाई देने पहुंचे कोविंद ने उन्हें पुष्पगुच्छ भेंट किया। उसके अलावा जन्मदिन का केक भी काटा गया। इस माके पर आडवाणी की बेटी प्रतिभा भी मौजूद रहीं। आडवाणी को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भी जन्मदिन की बधाई दी।

पीएम मोदी के साथ जेपी नड्डा ने की मुलाकात

महाराष्ट्र में चुनाव प्रचार के बाद दिल्ली लौटे प्रधानमंत्री देर शाम आडवाणी से मुलाकात करने उनके आवास पर पहुंचे। लगभग आधे घंटे तक पीएम मोदी और आडवाणी की मुलाकात हुई। इसके बाद पीएम मोदी का काफिला आडवाणी के आवास से रवाना हो गया। प्रधानमंत्री मोदी के साथ भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने भी आडवाणी से मुलाकात की। आडवाणी को भाजपा अध्यक्ष के रूप में पार्टी को राष्ट्रीय राजनीति की केंद्रीय शक्ति बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने का श्रेय दिया जाता है।

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने आडवाणी को दीं शुभकामनाएं

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि आडवाणी ने देश के विकास को आगे बढ़ाने के लिए खुद को समर्पित कर दिया।

पीएम मोदी ने इस साल को और भी खास बताया, क्योंकि आडवाणी को राष्ट्र के प्रति उनकी उत्कृष्ट सेवा के लिए देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान- भारत रत्न से सम्मानित किया गया। प्रधानमंत्री ने अपने आधिकारिक एक्स हैंडल पर लिखा, आडवाणी भारत के सबसे प्रशंसित राजनेताओं में से एक हैं। उनकी बुद्धिमत्ता और समृद्ध अंतर्दृष्टि के लिए उन्हें हमेशा सम्मानित किया गया है। कई वर्षों तक उनका मार्गदर्शन मिलता रहा, इसलिए भाग्यशाली हूं। मैं उनके लंबे और स्वस्थ जीवन की कामना करता हूं।'

राम मंदिर आंदोलन में रही अहम भूमिका

1990 के दशक में उत्तर प्रदेश के अयोध्या में राम मंदिर निर्माण के लिए हुए आंदोलन में भी आडवाणी की उल्लेखनीय भूमिका रही। राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के जरिए अपने राजनीतिक सफर की शुरुआत करने वाले आडवाणी कई वर्षों तक राजस्थान में आरएसएस प्रचारक बने रहे। वह उन लोगों में शामिल हैं जिन्होंने भारतीय जनता पार्टी की नींव रखी थी।

भारत की आजादी से पहले पाकिस्तान में जन्म, 2002 में बने भारत के उप-प्रधानमंत्री

भारत की आजादी से पहले आडवाणी का जन्म पाकिस्तान में हुआ। साल 2002 में तत्कालीन प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी की सरकार में आडवाणी भारत के सातवें उप-प्रधानमंत्री बने। 1980 से 1990 के बीच आडवाणी ने भाजपा को एक राष्ट्रीय स्तर की पार्टी बनाने के लिए काम किया। लालकृष्ण आडवाणी तीन बार (1986 से 1990, 1993 से 1998 और 2004 से 2005) भाजपा के राष्ट्रीय अध्यक्ष रहे हैं।

भारत सरकार ने देश के सर्वोच्च नागरिक सम्मान से नवाजा

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के कार्यकाल में आडवाणी को राष्ट्र निर्माण और सामाजिक सेवा क्षेत्र में उल्लेखनीय योगदान के लिए देश के सबसे बड़े नागरिक सम्मान- भारत रत्न से नवाजा गया।

आडवाणी के बारे में 5 खास बातें:

1947 में वह राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ के सचिव बने थे।

1970 में पहली बार आडवाणी राज्यसभा के सांसद बने थे।

आडवाणी एक फिल्म समीक्षक रह चुके हैं। उन्हें चॉकलेट, फिल्मों और क्रिकेट का बहुत शौक है।

1944 में उन्होंने कराची के मॉडल हाईस्कूल में एक अध्यापक के तौर पर नौकरी की थी।

आडवाणी ने एक किताब लिखी है जिसका नाम- माई कंट्री, माई लाइफ है।

आडवाणी का जन्मदिन: सुदर्शन पटनायक ने रेत की कलाकृति बनाकर दी बधाई

ओडिशा के सैंड आर्टिस्ट सुदर्शन पटनायक ने रेत की कलाकृति बनाकर आडवाणी को जन्मदिन की शुभकामनाएं दीं। उन्होंने पुरी के समुद्र तट पर बनाई कलाकृति की तस्वीर सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर शेयर की।

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